मेटा ने थर्ड पार्टी फैक्ट चेकर प्रोग्राम बंद करने का किया फैसला, जानें भारत में इसका असर

Third Party Fact Checker Program: मेटा ने अपने थर्ड पार्टी फैक्ट चेकर प्रोग्राम को बंद करने का निर्णय लिया है, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ समारोह से पहले लिया गया था। मार्क जुकरबर्ग ने इस कदम को गलती मानते हुए कम्युनिटी नोट्स नामक नया प्रोग्राम पेश करने की योजना की घोषणा की है। भारत में भी इसके परिणामों को लेकर चिंता जताई गई है, जहां मेटा का फैक्ट चेकर प्रोग्राम काफी सक्रिय है।

Third Party Fact Checker Program: दिग्गज तकनीकी कंपनी मेटा ने अपने थर्ड पार्टी फैक्ट चेकर प्रोग्राम को बंद करने का फैसला किया है, जिससे दुनिया भर में जानकारी की सटीकता को लेकर चिंता बढ़ गई है। मार्क जुकरबर्ग ने स्वीकार किया है कि इसमें कुछ कमियां थीं और कंपनी अब एक नया कम्युनिटी नोट्स प्रोग्राम लाने की योजना बना रही है। इस कदम का प्रभाव न केवल अमेरिका, बल्कि भारत में भी देखने को मिलेगा, जहां मेटा का फैक्ट चेकिंग कार्यक्रम काफी सक्रिय है। जुकरबर्ग ने कहा कि कंपनी अब अपने फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम को कम्युनिटी नोट्स मॉडल से रिप्लेस करेगा।

कम्युनिटी नोट्स मॉडल क्या है?

कम्युनिटी नोट्स मॉडल एक क्राउड सोर्स फैक्ट चेकिंग मॉडल है जिसमें यूजर्स पोस्टों को रेट करेंगे और उनकी वैधता का निर्धारण करेंगे। इसमें यूजर्स को पोस्ट पढ़ने के साथ-साथ उसे रेट करने का ऑप्शन भी मिलेगा।

मेटा के फैसले का भारत में क्या होगा असर?

भारत में मेटा की तरफ से यह कहा गया है कि फैक्ट चेकर प्रोग्राम सिर्फ अमेरिका में बंद किया जा रहा है, लेकिन इसका भारत में असर क्या होगा यह एक बड़ा सवाल है। भारत में मेटा अपना सबसे बड़ा फैक्ट चेकर प्रोग्राम चलाती है, जिसमें 11 स्वतंत्र और सर्टिफाइड फैक्ट चेकिंग संगठनों के साथ काम किया जाता है।

एक्सपर्ट की राय

एक्सपर्ट का मानना है कि भ्रामक कंटेंट की पहचान करने के लिए एक नॉर्मल यूजर के पास ऐसी सामाग्री नहीं होती है जिससे वह ऐसी पहचान कर सके। इसके बाद अब अवैध या गलत सामग्री को फैलने से रोकने के लिए उपयोगकर्ताओं पर जिम्मेदारी होगी। वहीं मेटा के साथ काम करने वाले कुछ लोगों का कहना है कि भारत में कंपनी की रणनीति का कोई असर नहीं पड़ा, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने अपने तरीकों में बदलाव लाना शुरू कर दिया है।

कंपनी के फैसले के कारण

कंपनी के फैसले के कारणों को लेकर मेटा की तरफ से कहा गया है कि फैक्ट चेकर प्रोग्राम को बंद करने के पीछे कुछ एक्सपर्ट फैक्ट चेकर में भी कुछ कमियां थीं। इसके साथ ही एक्सपर्ट एक पक्ष की तरफ झुक सकते हैं।

मेटा के चीफ जोएल कैपलन ने कहा

मेटा के चीफ ग्लोबल अफेयर्स ऑफिसर जोएल कैपलन ने कहा कि हमने आने वाले कम्यूनिटी नोट्स को X पर काम करते हुए देखा है। वे अपनी कम्यूनिटि को यह तय करने का अधिकार देते हैं कि कौन सी पोस्ट भ्रामक हो सकती है। अब हम भी अधिक अभिव्यक्ति प्रदान करने की योजना बना रहे हैं।

मेटा का कहना

मेटा ने अपनी गलती मानते हुए कहा कि उनकी तरफ से कंटेंट को मैनेज करने के लिए जो जटिल सिस्टम तैयार किया गया था उसने बहुत ज्यादा गलतियां की हैं। इसकी वजह से बहुत सारे कंटेंट को सेंसर कर दिया गया है। मेटा के फैसले का एलन मस्क ने सपोर्ट करते हुए इसे अच्छा कदम करार दिया है।

डिस्क्रिप्शन: मेटा द्वारा थर्ड पार्टी फैक्ट चेकर प्रोग्राम को बंद करने के फैसले का विश्वभर में प्रभाव पड़ा है। कंपनी ने इसे अपनी कमियों की वजह से बंद करने का निर्णय लिया है, और अब कम्युनिटी नोट्स के जरिए कंटेंट की सटीकता को प्रमोट करने का प्रयास करेगी। इस बदलाव का असर भारत में फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम पर भी हो सकता है।

Deepak Vishwakarma

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