Milkipur elections: अवधेश प्रसाद के आंसू नहीं आए काम, बेटे अजीत प्रसाद पिछड़े

Milkipur elections: उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के शुरूआती रुझान सामने आ गए हैं। इन रुझानों में भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी पर बढ़त बनाती दिख रही है।

Milkipur elections: उज्जवल प्रदेश, अयोध्या। उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के शुरूआती रुझान सामने आ गए हैं। इन रुझानों में भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी पर बढ़त बनाती दिख रही है। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर चंद्रभानु पासवान को उम्मीदवार बनाया था। वहीं, समाजवादी पार्टी फैजाबाद-अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद पर दांव लगती दिखाई दी।

भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर परिवारवाद की राजनीति का मुद्दा उठाते हुए पासी समाज से ही आने वाले चंद्रभानु पासवान के पक्ष में माहौल बनाया। अखिलेश यादव इस सीट पर पीडीए पॉलिटिक्स के सफल होने की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, प्रारंभिक रुझान उनकी उम्मीदों को झटका देते दिख रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी की आक्रामक रणनीति के कारण मिल्कीपुर उपचुनाव समाजवादी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया। पूरे मुलायम कुनबा को मिल्कीपुर में उतर दिया गया। मैनपुरी सांसद डिंपल यादव, आजमगढ़ सांसद धर्मेंद्र यादव के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी प्रचार मैदान में उतरे। अखिलेश चुनाव प्रचार खत्म होने के दिन मिल्कीपुर पहुंचे और भाजपा के खिलाफ अपनी पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक यानी पीडीए पॉलिटिक्स को साधने का प्रयास किया। वहीं, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की कमान अपने हाथ में संभाल रखी थी। शुरुआती रुझान योगी आदित्यनाथ को बढ़त दिलाते दिख रहे हैं।

पहले चरण से ही बनाई बढ़त

मिल्कीपुर उपचुनाव परिणाम में पहले ही चरण से भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान ने बढ़त बना ली। वह लगातार आगे चलते दिख रहे हैं। पहले चरण के वोटों की गिनती के बाद चंद्रभानु पासवान 3995 वोटों से आगे चल रहे थे। दूसरे चरण की वोटों की गिनती पूरी हुई तो चंद्रभानु पासवान साढ़े छह हजार वोटों से आगे निकल गए। वहीं, तीसरे चरण के वोटों की गिनती पूरी होने के बाद भाजपा और समाजवादी पार्टी उम्मीदवार के बीच का अंतर 10 हजार के पार कर गया।

अखिलेश ने बताया था महत्वपूर्ण

वोटों के लगातार बढ़ रहे अंतर ने समाजवादी पार्टी समर्थकों के चेहरों को लटका दिया है। मिल्कीपुर उपचुनाव से पहले अखिलेश यादव ने इसे महत्वपूर्ण करार दिया था। सांसद अवधेश प्रसाद को सामने लाकर लोकसभा चुनाव में भाजपा की अयोध्या में हार को देशभर में समाजवादी पार्टी हिंदुत्व की राजनीति पर चोट करार देती रही। अखिलेश इस सीट पर जीत दर्ज कर दलित-पिछड़ों के बीच अपनी पैठ को बढ़ाने का दावा करते दिख रहे थे।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी लगातार कह रही थी कि लोकसभा चुनाव में अयोध्या में भाजपा की हार और समाजवादी पार्टी की जीत एक तुक्का थी। मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा ने जिस प्रकार से जोर लगाया और ग्रास रूट लेवल पर काम किया, वह अब वह वोटों की गिनती में दिख रहा है।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।

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