5 दिन चलेगी MP विधानसभा, 16 से Assembly Session शुरू

Assembly Session: एमपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 से शुरू हो जाएगा. माना जा रहा है कि सरकार इस दौरान 20 हजार करोड़ का सप्लीमेंट्री बजट पटल पर रख सकती है। इसके लिए एक ओर वित्त विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है, तो दूसरी तरफ अन्य विभागों को भी प्रस्तावा भेजने के लिए कहा गया है।

Assembly Session: उज्जवल प्रदेश डेस्क, भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा में सत्रों की संख्या घटने और खर्चों में बढ़ोतरी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। बीते दो दशकों के आंकड़ों के अनुसार, कई बार सत्र को दिनों तक चलने की योजना बनाई गई, लेकिन वास्तविकता में सत्र केवल घंटों में खत्म हो गए। उदाहरण के लिए, 1 से 15 जुलाई 2023 तक प्रस्तावित 5 दिन का सत्र मात्र ढाई घंटे ही चला। इसी तरह, 16 मार्च से 13 अप्रैल तक चलने वाला सत्र केवल 17 मिनट में समाप्त हो गया, जिसमें कमलनाथ सरकार गिर गई थी।अब शीतकालीन सत्र की घोषणा हो चुकी है, जो 16 से 20 दिसंबर तक प्रस्तावित है।

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बड़ा सवाल है कि यह सत्र पूरे समय चलेगा या नहीं। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा अनुपूरक बजट पेश कर सकते हैं। हालांकि, यह देखा गया है कि विधानसभा का बजट तो बढ़ता जा रहा है, लेकिन सत्रों की अवधि घट रही है, जिससे जन समस्याओं पर चर्चा सीमित हो रही है।

अहम है ये MP विधानसभा शीतकालीन सत्र

सरकार ने अप्रैल से जुलाई तक के लिए लेखानुदान यानी वोट ऑन अकाउंट पेश किया था। ताकि, वह पूर्ण बजट आने से पहले अपनी योजनाओं और विकास कार्यों को संचालित कर सके। बताया जाता है कि सरकार मार्च में पूर्ण बजट के साथ-साथ दूसरा सप्लीमेंट्री बजट भी पेश कर सकती है। 16 दिसंबर से शुरू होने वाला शीतकालीन सत्र अहम है। इसमें सरकार कई अहम फैसले ले सकती है। दूसरी ओर, विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस ने इसलिए कई बैठकें भी कर ली हैं।

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Assembly Session सत्र के दौरान खर्च

विधायकों को सत्र के दो दिन पहले से ही भत्ता (1500 रुपए प्रतिदिन) मिलना शुरू हो जाता है।सरकारी विभागों का कार्य और सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती।लंच, यात्रा कूपन, और अन्य सुविधाओं पर खर्च।विधानसभा कर्मचारियों को अतिरिक्त वेतन।बिजली, सत्कार और अन्य व्यवस्थाओं पर व्यय। विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवानदेव ईसरानी ने तंज कसते हुए कहा कि सत्रों को आउटसोर्स कर देना चाहिए, जबकि विधानसभा स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने सत्र को आवश्यकता अनुसार चलाने का आश्वासन दिया है, ताकि जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन में रख सकें।

Sourabh Mathur

सौरभ माथुर एक अनुभवी न्यूज़ एडिटर हैं, जिनके पास 13 वर्षों का एडिटिंग अनुभव है। उन्होंने कई मीडिया हॉउस के संपादकीय टीमों के साथ काम किया है। सौरभ ने समाचार लेखन, संपादन और तथ्यात्मक विश्लेषण में विशेषज्ञता हासिल की, हमेशा सटीक और विश्वसनीय जानकारी पाठकों तक पहुंचाना उनका लक्ष्य रहा है। वह डिजिटल, प्रिंट और ब्रॉडकास्ट मीडिया में भी अच्छा अनुभव रखतें हैं और पत्रकारिता के बदलते रुझानों को समझते हुए अपने काम को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश करते रहतें हैं।

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