MP Cabinet: उप मुख्यमंत्री ने स्वीकृत पदों पर समय-सीमा में भर्ती के दिए निर्देश
MP Cabinet: उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कैबिनेट द्वारा स्वीकृत पदों पर समय-सीमा में भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रि-परिषद द्वारा वित्तीय अधिकार पुस्तिका 2025, भाग-1 का अनुमोदन किया गया है।

MP Cabinet: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. उप मुख्यमंत्री (Deputy CM) राजेन्द्र शुक्ल (Shukla) ने कैबिनेट द्वारा स्वीकृत (Approved) पदों (Posts) पर समय-सीमा (Time Limit) में भर्ती (Recruitment) प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश (Instructions) दिए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा स्वीकृत पदों की भर्ती में अनावश्यक विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग की वृहद समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने यूजी/पीजी सीट्स के अपग्रेडेशन से जुड़े कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मेडिकल कॉलेजों में सीट वृद्धि के लिए आवश्यक अधोसंरचना विकास कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। साथ ही आवश्यक उपकरणों की खरीदी प्रक्रिया को भी निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया जाए जिससे राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के सभी मापदंड निर्धारित समय में पूरे किए जा सकें। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि नियमित फॉलो-अप कर कार्यों की स्थिति पर सतत निगरानी रखी जाए।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने यह भी निर्देश दिए कि ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया को पारदर्शिता एवं समयबद्धता के साथ क्रियान्वित किया जाए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने हिंदी में एमबीबीएस के लिए आवश्यक पुस्तकों की उपलब्धता मेडिकल कॉलेज में सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए। आयुक्त स्वास्थ्य तरुण राठी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
वित्तीय अधिकार पुस्तिका 2025, भाग-1 का अनुमोदन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा वित्तीय अधिकार पुस्तिका 2025, भाग-1 का अनुमोदन किया गया है। वित्त विभाग को लिपिकीय त्रुटियों को सुधारने और भावी आवश्यकताओं के अनुसार संशोधन करने की अनुमति दी गई है। साथ ही, हिन्दी अनुवाद जारी करने की भी अनुमति दी गई है। अनुमोदित वित्तीय अधिकार 1 जुलाई, 2025 से लागू होंगे।
वित्तीय अधिकार पुस्तिका 2012, भाग-1 में संशोधन के प्रमुख कारणों में 13 वर्ष से अधिक की अवधि में विभिन्न मदों के मूल्यों/लागतों में वृद्धि, कार्यालय संचालन से संबंधित कतिपय नवीन स्वरूपों के व्यय भी प्रचलन में आये हैं। अप्रासंगिक हो गई मदों का विलोपन, वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नवीन मदों को सम्मिलित किया जाना, अप्रासंगिक हो चुके कार्यालयीन उपकरण / सामग्री का विलोपन, अधिकारों का विकेंद्रीकरण, योजानाओं के क्रियान्वयन में गति प्रदान करने के लिए, बजट प्रावधान का समयसीमा में उपयोग शामिल हैं।
वित्तीय अधिकार पुस्तिका 2012, भाग-1 में संशोधन नवीन प्रावधान अंतर्गत्बजट नियंत्रण अधिकारी घोषित किया जाने के लिए प्रशासकीय विभाग को अधिकार, Consultancy Firm/ Agency से कार्य के लिए अधिकार, Interns को संलग्न करने के लिए अधिकार, मूलभूत नियम 46 अंतर्गत मानदेय की स्वीकृति, पेंशन / उपदान के अधिक भुगतान को write off करने का अधिकार है।
विभागीय भवन तोड़ने की अनुमति संबधित विभाग देगा। 80 प्रतिशत मेडिकल एडवांस देने का अधिकार विभाग को, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग की अनुमति/परामर्श की आवश्यकता नहीं होगी। वित्तीय अधिकार पुस्तिका 2025 भाग-1 का अनुमोदन इज ऑफ डूइंग बिजनेस शासकीय कायों में लाने का प्रयास हैं।