MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया राष्ट्रीय कला उत्सव 2024-25 का शुभारंभ

MP News: NCERT एवं स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय द्वारा 3 से 6 जनवरी तक आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय कला उत्सव 2024-25 का शुभारंभ सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया।

MP News: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) एवं स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय द्वारा 3 से 6 जनवरी तक आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय कला उत्सव 2024-25 का शुभारंभ क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (RIE) एवं पंडित सुंदरलाल शर्मा केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान (PSSCIVE), भोपाल के कला मंडपम में मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश, डॉ. मोहन यादव ने किया।

इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री, उदय प्रताप सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अपर सचिव आनंदराव वी. पाटील भी उपस्थित रहे। उद्घाटन समारोह में स्थानीय विधायक भगवानदास सबनानी, भोपाल की महापौर मालती राय और स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की संयुक्त सचिव श्रीमती अर्चना शर्मा अवस्थी ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से वर्ष 2015 में बच्चों के बीच विभिन्न कला रूपों को बढ़ावा देने और कला को स्कूल शिक्षा के पाठ्यक्रम के साथ समेकित करने के उद्देश्य से कला उत्सव के इस वार्षिक कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। तब से भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बच्चों की कला प्रतिभाओं के प्रदर्शन का यह प्रतियोगितापरक कार्यक्रम राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद एवं शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. मोहन यादव एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और स्वागत गीत के साथ हुआ। इसके बाद कला उत्सव की राष्ट्रीय संयोजक प्रो. ज्योत्स्ना तिवारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कला उत्सव के पिछले 9 वर्षों की यात्रा का विहंगावलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कला उत्सव में प्रतियोगिता की एक नई श्रेणी ‘पारंपरिक कहानी वाचन’ प्रारंभ की जा रही है। इसके साथ संगीत गायन, वादन, नृत्य, रंगमंच, और दृश्यकला सहित कुल 6 श्रेणियों में प्रतियोगिताएँ आयोजित की जा रही हैं जिसमें देश के 25 राज्यों, 7 केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति एवं एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की टीमों सहित लगभग साढ़े पाँच सौ विद्यार्थी सम्मिलित हो रहे हैं।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक, प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कला उत्सव के सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वर्णित कला शिक्षा और कला समेकन के महत्व पर बात की और कला उत्सव जैसे आयोजनों के माध्यम से बच्चों के समग्र विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमें एक नॉलेज सोसाइटी बनना होगा और यह तभी संभव है जब बच्चों को ऐसी शिक्षा दी जाए जो उनका बहुआयामी विकास करे। ऐसा करके ही हम पुनः विश्वगुरु की प्रतिष्ठा हासिल कर सकेंगे। इसी क्रम में उन्होंने कला उत्सव के प्रतिभागी बच्चों से राष्ट्रीय कला उत्सव के अपने अनुभवों को कविता, कहानी, लेख, संस्मरण या किसी भी अन्य विधा में अपनी भाषा में लिखकर एन.सी.ई.आर.टी. को प्रेषित करने को प्रेरित किया और उद्घोषणा की कि इन अनुभवों को प्रकाशित किया जाएगा और 10 श्रेष्ठ प्रविष्टियों को पुरस्कृत किया जाएगा।

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स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के अपर सचिव, आनंद राव वी. पाटील ने इस बात पर प्रसन्नता जतायी कि इस वर्ष एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल की टीम पहली बार कला उत्सव की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल हो रही है। उन्होंने कला उत्सव के प्रतिभागियों से कला के प्रति अपने इस जुड़ाव को आजीवन बचाकर रखने तथा निर्णायक मंडल के अनुभवों और सुझावों का लाभ उठाने को कहा।

मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कला उत्सव की प्रेरणा और संकल्पना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया। उन्होंने पिछले 10 वर्षों से इसके सफल आयोजन के लिए स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय एवं एन.सी.ई.आर.टी. को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कला उत्सव का यह आयोजन भारत की ‘अनेकता में एकता’ को प्रकट करता है। उन्होंने प्रतिभागियों से राष्ट्रीय कला उत्सव में प्रतिभागिता के इस अवसर का अपने भावी जीवन, समाज और देश की संस्कृति के विकास में उपयोग करने का आह्वान किया।

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इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश, डॉ. मोहन यादव ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को याद करते हुए बच्चों को कृष्ण का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कृष्ण के व्यक्तित्व में हमें विद्या और कला का संगम देखने को मिलता है। भारतीय संस्कृति में 64 कलाओं के साथ 14 विद्याओं की बात है और कृष्ण इन सबमें निष्णात थे। उन्होंने कहा कि कला और विद्या का यह संगम ही बच्चों के समग्र विकास के लिए अनिवार्य है। कला उत्सव के रूप में विद्या और कला का यह समेकन ही कला उत्सव का ध्येय है। उन्होंने कला उत्सव में सम्मिलित प्रतिभागी बच्चों से कहा कि आप सब भी कृष्ण का बाल रूप हैं और उनके लिए विद्या और कला में परिपूर्ण कृष्ण जैसा बनने की कामना की।

अंत में क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भोपाल के प्राचार्य प्रो. जयदीप मंडल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। 3-5 जनवरी 2025 तक राष्ट्रीय कला उत्सव के अंतर्गत होने वाली प्रतियोगिताएँ क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भोपाल में चलेंगी। 6 जनवरी को समापन समारोह आयोजित होगा जिसमें विजेताओं की घोषणा और पुरस्कार वितरण किया जाएगा।

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Deepak Vishwakarma

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