MP News : प्रदेश में ट्रेजरी और फाइनेंशियल के डाटा कलेक्शन का काम निजी एजेंसियों के भरोसे

MP News : राज्य सरकार के पास ट्रेजरी और फाइनेंशियल एकाउंट के डाटा एनालिसिस का कोई इंतजाम नहीं है। इसके चलते वित्त विभाग को होने वाली परेशानियों और सेटअप तैयार करने के लिए सरकार निजी एजेंसियों की तैनाती करेगी।

MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. राज्य सरकार के पास ट्रेजरी और फाइनेंशियल एकाउंट के डाटा एनालिसिस का कोई इंतजाम नहीं है। इसके चलते वित्त विभाग को होने वाली परेशानियों और सेटअप तैयार करने के लिए सरकार निजी एजेंसियों की तैनाती करेगी। इसको लेकर वित्त विभाग द्वारा कम्पनियों के ऑफ़र बुलाए गए हैं। इसमें राज्य सरकार के विभागों और उपक्रमों की सेवाएं भी लिए जाने पर विचार किया जा सकता है।

वित्त विभाग के पास दूसरे राज्यों के वित्तीय ढांचे और मध्यप्रदेश के साथ तुलनात्मक अध्ययन की व्यवस्था भी नहीं है। हायर की जाने वाली एजेंसी इसका काम भी करेगी। चयनित एजेंसी से विभाग खासतौर पर आईटी आडिट, टेक्नालॉजी मैनेजमेंट,चेंज मैनेजमेंट एंड कैपेसिटी बिल्डिंग, डॉटा एनालिटिक सपोर्ट, प्रोसेस री इंजीनियरिंग एंड चेंजेज इन रूल्स, कोड्स एंड एक्ट्स, नए प्रोजेक्ट्स में सपोर्ट, प्रोग्राम मैनेजमेंट, एनुअल वर्क प्लान एंड एप्रूवल का काम कराएगा।

वित्त विभाग के अंतर्गत डॉयरेक्ट्रेट ऑफ़ ट्रेजरी एंड अकाउंट्स विभाग द्वारा संचालनालय की सेवाओं के लिए कंसल्टेंसी फर्म के जरिये की एक्सपर्ट रखने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर वित्त विभाग की ओर से प्रस्ताव बुलाए गए हैं। इस प्रस्ताव में चयनित होने वाली एजेंसी को डाटा एनालिसिस का काम करना होगा।

एजेंसी अपने मैन पॉवर से यह काम कराएगी। वित्त अफसरों के अनुसार सरकार के पास इसके लिए मैन पॉवर नहीं है। यह एजेंसी रेनोवेशन, विभाग के आरएफपी तैयार करने के साथ वित्त विभाग से जुड़े अन्य डाटा मैनेजमेंट सम्बन्धी काम करेगी।

यह काम भी करेगी एजेंसी

वित्त अफसरों के अनुसार आईएफएमआईएस साफ्टवेयर को अपग्रेड करने की प्रक्रिया के अंतर्गत जिस कंसल्टेंसी एजेंसी को चुना जाएगा, उसके द्वारा राज्य सरकार के आईटी आडिट, टेक्नालाजी मैनेजमेंट,चेंज मैनेजमेंट एंड कैपेसिटी बिल्डिंग, डॉटा एनालिटिक सपोर्ट, प्रोसेस री इंजीनियरिंग एंड चेंजेज इन रूल्स, कोड्स एंड एक्ट्स, नए प्रोजेक्ट्स में सपोर्ट, प्रोग्राम मैनेजमेंट, एनुअल वर्क प्लान एंड एप्रूवल, टैक्सेस डाटा, फिस्कल सर्विसेस, जनरल इकोनॉमिक सर्विसेस, इंटरनल डेब्ट ऑफ़ स्टेट गवर्नमेंट, लोन्स एंड एडवांस फ्राम सेंट्रल गवर्नमेंट, सिविल डिपाजिट, सिविल एडवांस की जानकारी भी रखी जाएगी। साथ ही लोन्स फॉर डिपार्टमेंट्स के साथ ट्रेजरी और एकाउंट्स से संबंधित ऐसी सभी गतिविधियां जिसमें डाटा कलेक्शन की स्थिति बनती है और इसका उपयोग सरकार के दीर्घकालिक कार्यक्रमों में किया जाता है उसके लिए काम किया जाएगा।

दो साल तक सेवाएं देगी एजेंसी

जिस एजेंसी को इसके लिए चयनित किया जाएगा, उससे विभाग दो साल तक कंसल्टेंसी का काम लेगा। इस दौरान जिन्हें सरकार के साथ सेवाओं में लगाया जाएगा, उन्हें इस अवधि में रिप्लेस नहीं किया जा सकेगा।

इस पर फोकस कर रहा है वित्त विभाग

वित्त विभाग आईएफएमआईएस साफ्टवेयर के माध्यम से पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट टू गवर्नमेंट, एम्प्लाइज एंड सिटिजन के लिए विस्तृत तौर पर बदलाव करना चाहता है। साथ ही बेटर एंड इफेक्टिव मैनेजमेंट ऑफ़ द गवर्नमेंट ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के लिए भी काम करना चाहता है।

इसलिए विभाग को इस तरह की कंसल्टेंसी वाली एजेंसी की जरूरत होना बताई जा रही है। इसके माध्यम से बिजनेस प्रोसेस इंप्रूवमेंट इन फाइनेंसियल मैनेजमेंट और बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट इन एचआर मैनेजमेंट का काम किया जाएगा और इसमें कॉस्ट एंड रिस्क में कमी की स्थिति रखते हुए ग्लोबल रिक्वायरमेंट एंड बेनिफिट्स का ध्यान रखा जाएगा।

Deepak Vishwakarma

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