MP News : विभा पटेल बोलीं – गरीब लोग खुले आसमान के नीच ठंड में रात गुजारने को मजबूर

Latest MP News : विभा पटेल ने कहा कि भोपाल नगर निगम ने अब तक वंचित वर्ग, निराश्रितों और गरीबों को राहत देने के उद्देश्य से सर्दी से बचाव के कोई पुख्ता इंतजाम अब तक नहीं किए हैं।

Latest MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व महापौर विभा पटेल ने कहा कि भोपाल में शीतलहर की स्थिति से ठिठुरन बढ़ रही है। इसके बाद भी भोपाल नगर निगम ने अब तक वंचित वर्ग, निराश्रितों और गरीबों को राहत देने के उद्देश्य से सर्दी से बचाव के कोई पुख्ता इंतजाम अब तक नहीं किए हैं। यही नहीं शहर के रैन बसेरों की हालत भी बद से बदतर है।

उन्होंने कहा कि नगर निगम ने इस बार सर्दी को लेकर अस्थायी रैन बसेरा बनाने की भी व्यवस्था ही नहीं की है, न ही ऐसे कोई आदेश जारी हुए हैं और न ही कोई हेल्पलाइन नंबर अब तक जारी हुए हैं, जिससे वंचित वर्ग को सुविधा मिल सके। इतना ही नहीं पूरी ठंड निकलने को हैं, किंतु शहर के अलग-अलग हिस्सों में अलाव जलाने की व्यवस्था भी अब तक नहीं की गई हैं।

विभा पटेल ने भोपाल नगर निगम प्रशासन पर स्थानीय रहवासियों के साथ अमानवीय रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि शहर की अभिभावक संस्था की बेरुखी से कई जरूरतमंद सर्दी में ठिठुरने को मजबूर हैं। तापमान में गिरावट आने से लोगों की समस्याएं भी दिन प्रतिदिन बढ़ गई हैं।

इन दिनों जो लोग सड़कों पर सोने को मजबूर हैं, उनकी स्थिति काफी दयनीय है। कड़कड़ाती सर्दी सड़कों पर सोने वाले लोगों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है, ऐसे में भोपाल नगर निगम प्रशासन ने बेघर लोगों के रात गुजारने के लिए रेन बसेरों में पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं।

विभा पटेल ने कहा कि सर्दी बढ़ने से खास तौर पर रात को बिना गर्म कपड़ों के रहना मुश्किल हो रहा है। अब तो हाल यह है कि बिना कान बांधे निकलना मुश्किल हो गया है। इस स्थिति, परिस्थिति को भाजपा शासित नगर निगम परिषद ने न तो अनुभव किया और न ही मानवीय सरोकार की खातिर उसने शहर में चौराहों व प्रमुख स्थानों पर सर्दी से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था की है?

लोगों को सर्दी में ठिठुरना पड़ रहा है। इससे उनके जीवन और स्वास्थ्य को खतरा भी हो सकता है। दुर्भाग्यपूर्ण तो ये है कि शहर में रैन बसेरा स्थल कहां और किस स्थान पर है, इसकी जानकारी भी निगम ने सार्वजनिक नहीं की है। इस कारण कई नागरिक खुले आसमान या रेलवे स्टेशन पर रात गुजारने के लिए मजबूर हैं। जो नगर निगम के अमानवीय चेहरे को उजागर कर रहे हैं।

Deepak Vishwakarma

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