घर बसाना चाहती हैं ओडिशा की पहली ट्रांसजेंडर अधिकारी

0
1

केंद्रपाड़ा
समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद ओडिशा की ट्रांसजेंडर समुदाय की पहली गजेटेड सरकारी अधिकारी ऐश्वर्या रितुपर्णा प्रधान अपने लिव इन पार्टनर के साथ शादी करने की योजना बना रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने छह सितंबर को आईपीसी की धारा 377 को निरस्त करते हुए LGBTQ (लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर और क्विअर) समुदाय के लोगों के लिए सम्मान के साथ जीवन जीने का रास्ता खोल दिया था।

ओडिशा की ऐश्वर्या रितुपर्णा प्रधान ने कहा कि कोर्ट को अब समानता के अधिकार के तहत समलैंगिक विवाह, संपत्ति में हिस्सा दिए जाने पर भी मुहर लगा देनी चाहिए। ओडिशा सरकार ने 2017 को अपने एक गैजट (राजपत्र अधिसूचना) के माध्यम से ट्रांसजेंडर ऐश्वर्या को पहचान प्रदान की थी। ऐश्वर्या अभी पारादीप में वाणिज्यिक कर अधिकारी के पर पर तैनात हैं।

ओडिशा के कंधमाल जिले की रहने वालीं ऐश्वर्या पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए और आईआईएससी से पोस्ट-ग्रैजुएट डिप्लोमा कर चुकी हैं। उनके पिता इंडियन आर्मी में सेवा दे चुके हैं।

बता दें कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने एक मत से सुनाए गए फैसले में दो बालिगों के बीच सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाली धारा 377 के प्रावधान को खत्म कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को मनमाना करार देते हुए व्यक्तिगत चॉइस को सम्मान देने की बात कही। अदालत का साफ कहना है कि दो बालिगों के बीच समलैंगिक संबंध अब अपराध नहीं हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here