राज्यों के चुनाव की वजह से कम हुए पेट्रोल-डीजल के दाम!

  
नई दिल्ली 

केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने के लिए पिछले दो महीनों में काफी चर्चा की। तेल की कीमतें कम करने का फैसला साल के अंत में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया। दरअसल सरकार को अब अहसास हुआ कि क्रूड के वैश्विक दाम फिलहाल कम होने के आसार नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने बीजेपी शासित राज्यों से जब इस बारे में फीडबैक मांगा तो जानकारी मिली कि लोग इस मुद्दे पर सरकार से काफी नाराज हैं और विपक्ष इसे सरकार की बड़ी विफलता के तौर पर पेश कर रहा है। 
 

सरकार को अहसास है कि निकट भविष्य में क्रूड के दाम कम होने के कोई आसार नहीं हैं, जिसकी वजह से घरेलू बाजार में तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इस वजह से सरकार को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने की जरूरत महसूस हुई साथ ही तेल कंपनियों से भी दाम कम करने को कहा गया। यह फैसला ऐसे समय पर आया जब चुनाव आयोग पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम) के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने की तैयारी कर रहा है। यदि चुनाव कार्य क्रमों का ऐलान हो जाता तो सरकार को ऐसी किसी भी घोषणा से पहले चुनाव आयोग की इजाजत लेनी पड़ती। 
 
पिछले हफ्ते पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से इस संबंध में चर्चा की थी। दो अन्य मंत्री और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से भी बुधवार को इस संबंध में चर्चा के लिए मुलाकात की थी। इसके बाद कैबिनेट की मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्रियों ने पीएम मोदी को तेल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने की जरूरत के बारे में बताया। 
 
सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी ने गुरुवार सुबह इसे मंजूरी दी, जिसके बाद जेटली ने ऐलान किया कि केंद्र ने पेट्रोल और डीजल में एक्साइज ड्यूटी में ₹1.5 प्रति लीटर की कटौती की है, जबकि तेल कंपनियां तेल के दाम में ₹1 प्रति लीटर की कटौती करेंगी। सूत्रों का कहना है कि इसके बाद मोदी ने बीजेपी शासित राज्यों से वैट कम करने को कहा। बीजेपी अध्यक्ष ने इस फैसले का स्वागत करते हुए सार्वजनिक तौर पर बीजेपी शासित राज्यों से तेल पर वैट कम करने की अपील की। 

"क्योंकि मैं भुवनेश्वर में हूं, मैं यहां के मुख्यमंत्री से भी ऐसा करने की अपील करता हूं। आपको भी राज्य के टैक्स में ₹2.5 कम करने चाहिए।"
-धर्मेंद्र प्रधान, पेट्रोलियम मंत्री
बीते दिनों सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के 2014 के भाषणों की रिकॉर्डिंग वायरल हो रही हैं, जिसमें मोदी पेट्रोल के बढ़ते दामों के लिए यूपीए पर हमला बोल रहे हैं। कई केंद्रीय मंत्री भी 2014 से पहले पेट्रोल के रेट को लेकर किए गए ट्वीट पर घिरे नजर आए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी पर हमला बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 
 
"लोगों के गुस्से को देखते हुए यह एक जल्दबाजी भरा कदम है। लोगों के गुस्से और पांच राज्यों के चुनाव में अपनी हार को देखते हुए मोदी सरकार ने मरहम लगाने की कोशिश की है।"
-रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस प्रवक्ता
इस ऐलान से पहले बीजेपी शासित राजस्थान, टीडीपी शासित आंध्रप्रदेश, टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल और एलडीएफ शासित केरल वैट में कटौती का ऐलान कर चुके हैं। तेलंगाना की टीआरएस सरकार पर भी अब इसे फॉलो करने का दबाव होगा, क्योंकि विपक्षी पार्टियां इस मामले पर कई बार उन पर हमला बोल चुकी हैं। इसी के साथ दिल्ली बीजेपी के प्रमुख मनोज तिवारी ने भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से तेल से वैट कम करने की अपील की है। 
 

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