19 दिन में 11 बड़े फैसले देकर रिटायर होंगे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा

नई दिल्ली 
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को रिटायर हो जाएंगे, लेकिन रिटायरमेंट से पहले वह अपने आखिरी के एक महीने में दर्जन भर चर्चित मामलों की सुनवाई करेंगे। चीफ जस्टिस अपने रिटायरमेंट से पहले के 19 कार्यदिवस में जिन चर्चित मामलों पर फैसला सुना सकते हैं, इसमें अयोध्या, सबरीमाला मंदिर मामला, आधार, समलैंगिकता, एडल्टरी, दागी नेताओं के चुनाव लड़ने पर बैन का मामला, दहेज प्रताड़ना में सेफगार्ड आदि शामिल हैं। इनमें से 11 की सुनवाई पूरी हो चुकी है। 
 

चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने इन केसों में फैसला सुरक्षित कर रखा है। वहीं दाउदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में खतना के मामले अभी सुनवाई जारी है। इन सभी मामलों का देश के आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक और राजनीतिक तौर खासा असर होने वाला है। इस तरह इस महीने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के फैसलों पर देश भर की नजर रहेगी। 

 
क्या हैं बड़े मामले 
अयोध्या मामला: अयोध्या का राममंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद सुप्रीम कोर्ट में है। इसी मामले के तहत एक बड़ा सवाल उठा है कि 1994 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है। इस फैसले के दोबारा परीक्षण के लिए इसे सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच के सामने भेजा जाए या नहीं, फैसला सुरक्षित रखा गया है। 

आधार मामला: 38 दिनों की मैराथन सुनवाई के बाद आधार मामले में फैसला सुरक्षित रख गया था। निजता को मौलिक अधिकार बताने का फैसला आने के बाद अब इस बारे में फैसला आएगा कि क्या आधार के लिए लिया जाने वाला डेटा निजता का उल्लंघन है या नहीं? 

समलैंगिकता: दो बालिगों के बीच सहमति से बनाए गए अप्राकृतिक संबंध को अपराध के दायरे में रखा जाए या नहीं, इस मसले पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। फैसला सीजेआई की बेंच के पास सुरक्षित है। 

अडल्टरी केस: अगर कोई शादीशुदा पुरुष किसी दूसरी शादीशुदा महिला के साथ उसकी सहमति से संबंध बनाता है तो संबंध बनाने वाले पुरुष के खिलाफ उक्त महिला का पति अडल्टरी का केस दर्ज करा सकता है, लेकिन संबंध बनाने वाली महिला के खिलाफ मामला नहीं बनता। यह नियम भेदभाव वाला है या नहीं, इस पर फैसला आएगा। 

SC/ST प्रमोशन में आरक्षण: प्रमोशन में आरक्षण मामले में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 30 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले को सात जजों की संवैधानिक बेंच को रेफर किया जाए या नहीं इस मसले पर फैसला आएगा। 

कोर्ट में सुनवाई की रिकॉर्डिंग: सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि कोर्ट कार्यवाही की रिकॉर्डिंग और सीधा प्रसारण होना चाहिए या नहीं। 

दागियों के चुनाव लड़ने पर रोक: सुप्रीम कोर्ट इस बात को तय करेगा कि जिन नेताओं के खिलाफ गंभीर मामले में आरोप तय हो गए हैं, उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए या नहीं? 

दहेज प्रताड़ना केस: दहेज प्रताड़ना के आरोप वाले मामले में सेफ गार्ड की जरूरत है या नहीं? इस पर फैसला आएगा। दहेज केस में सीधे गिरफ्तारी पर रोक के फैसले की दोबारा सुनवाई हुई थी। 

सबरीमाला में महिलाओं को एंट्री: संवैधानिक बेंच तय करेगी कि केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 साल से लेकर 50 साल की उम्र की महिलाओं को एंट्री दी जाए या नहीं? 

भीड़ के नुकसान: भीड़ के हिंसक प्रदर्शन पर चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच इस मामले में गाइडलाइंस जारी करेगी। पुलिस और उत्पात मचाने वालों की जवाबदेही तय होगी। 

नेताओं की बतौर वकील प्रैक्टिस: नेताओं के बतौर वकील प्रैक्टिस करने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। फैसला इसी महीने आएगा। 

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