Good News : सहारा में इन्वेस्ट करने वाले 10 करोड़ लोगों को वापस मिलेंगे पैसे, रिलीज हुए 5000 करोड़ रुपये

Good News : नई दिल्ली. सहारा ग्रुप की 4 क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटीज की स्कीम्स में पैसा लगा चुके करोड़ों इनवेस्टर्स के लिए खुशखबरी है। इन इनवेस्टर्स को 9 महीने के भीतर अपना फंसा हुआ पैसा वापस मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 5000 करोड़ रुपये रिलीज कर दिए हैं। अब यह पैसे सहारा ग्रुप की 4 कोऑपरेटिव सोसाइटीज के 10 करोड़ इनवेस्टर्स को लौटाए जाएंगे। पैसे लौटाने का काम सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की निगरानी में होगा। रिटायर्ड जस्टिस रेड्डी, सेंट्रल रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसाइटीज के साथ परामर्श करके पैसा लौटाने के तौर-तरीकों पर काम करेंगे।

इन 4 सोसाइटीज की स्कीम्स में लोगों ने लगाए थे पैसे

करोड़ों इनवेस्टर्स ने सहारा ग्रुप की चार क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटीज की स्कीम्स में पैसे लगाए थे। यह चार सोसाइटीज-सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैं। सहारा ग्रुप की यह सोसाइटीज मार्च 2010 से जनवरी 2014 के बीच मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट 2002 के तहत रजिस्टर्ड हुईं थीं। बाद में इन सोसाइटीज में पैसा जमा करने वाले लोगों ने बड़ी संख्या में डिपॉजिट्स का भुगतान न किए जाने की शिकायतें की थीं।

9 महीने के भीतर इनवेस्टर्स को लौटाए जाएंगे पैसे

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविकुमार की बेंच ने अपने आदेश में 9 महीने के भीतर इनवेस्टर्स को पैसे लौटाने को कहा है। सेबी-सहारा अकाउंट से 5000 करोड़ रुपये सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिंग सोसाइटीज को ट्रांसफर किए गए हैं। सेंट्रल रजिस्ट्रार, सहारा की कोऑपरेटिव सोसाइटीज के इनवेस्टर्स को पैसा लौटाएगा। पैसे के डिस्बर्समेंट का काम सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की निगरानी और देखरेख में होगा। एडवोकेट गौरव अग्रवाल भी इस काम में मदद करेंगे, वह इस मामले में एमिकस क्यूरी हैं। कोर्ट ने पूर्व जज को उनकी सेवाओं के लिए हर महीने 15 लाख रुपये मानदेय और एमिकस क्यूरी को 5 लाख रुपये मानदेय फिक्स किया है।

सेबी-सहारा रिफंड अकाउंट में करीब 24000 करोड़ का बैलेंस

सेबी-सहारा रिफंड अकाउंट (SEBI-Sahara Refund Account) अगस्त 2012 में उस समय वजूद में आया, जब सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप की दो फर्मों- सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) को रिलीज किए गए ऑप्शनली फुल कन्वर्टिबल बॉन्ड्स (OFCB) में इनवेस्टर्स के पैसे लौटाने को कहा। ऑर्डर के बाद सहारा ने 15000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम इस अकाउंट में जमा कराई, ब्याज के साथ यह पैसा अब बढ़कर 24000 करोड़ रुपये पहुंच गया है।

अब तक 138 करोड़ रुपये किए रिफंड

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस बीएन अग्रवाल को रिफंड प्रोसेस की निगरानी के लिए नियुक्त किया था। दिसंबर 2022 तक 138 करोड़ रुपये की रकम रिफंड की गई है और अकाउंट में अभी 23,937 करोड़ रुपये बचे हुए हैं। केंद्र सरकार के एप्लीकेशन में कहा गया है कि सेंट्रल रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसाइटी ने जून 2022 तक 1.21 लाख क्लेम फॉरवर्ड किए हैं। यह क्लेम सहारा ग्रुप की 4 फर्मों के लिए हैं और इन क्लेम में टोटल 375 करोड़ रुपये लगेंगे। वहीं, सहारा ग्रुप ने दावा किया है कि उसने 4500 से ज्यादा लोगों का पेमेंट कर दिया है और अब 1.17 लाख क्लेम्स का भुगतान किया जाना है।

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