जम्मू कश्मीर में भारत कराएगा G20 शिखर सम्मेलन, भड़के पाकिस्तान ने जमकर उगला जहर

इस्लामाबाद/नई दिल्ली
भारत सरकार ने जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन जम्मू कश्मीर में करवाने का फैसला किया है और भारत सरकार के इस फैसले पर पाकिस्तान बुरी तरह से भड़क गया है। पाकिस्तान ने शनिवार को कहा कि वह कश्मीर में G20 देशों की बैठक आयोजित करने के भारत के प्रयास को खारिज करता है और उम्मीद करता है कि जी20 ग्रुप के सदस्य कानून और न्याय की अनिवार्यता से पूरी तरह परिचित होंगे और प्रस्ताव का एकमुश्त विरोध करेंगे।

कश्मीर में जी20 शिखर सम्मेलन
जम्मू और कश्मीर जी20 की 2023 बैठकों की मेजबानी करेगा। जी20 ग्रुप दुनिया का एक प्रभावशाली समूह है, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है। जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने गुरुवार को समग्र समन्वय के लिए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति की स्थापना की है। संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा वापस लेने और अगस्त 2019 में तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद जम्मू-कश्मीर में आयोजित होने वाला यह पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन होगा।

भड़का पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार अहमद ने एक बयान में कहा कि, इस्लामाबाद ने भारतीय मीडिया में आने वाली खबरों पर ध्यान दिया है, जिससे संकेत मिलता है कि भारत "जम्मू और कश्मीर में जी 20 से संबंधित कुछ बैठक आयोजित करने पर विचार कर रहा है"। अहमद ने कहा कि, 'पाकिस्तान भारत के इस तरह के किसी भी प्रयास को पूरी तरह खारिज करता है'। उन्होंने आगे कहा कि, यह एक सर्वविदित तथ्य है कि जम्मू और कश्मीर पाकिस्तान और भारत के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त "विवादित" क्षेत्र है, और सात दशकों से अधिक समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में बना हुआ है। पाकिस्तान का वही पुराना राग पाकिस्तानी प्रवक्ता ने कहा कि, 'जम्मू कश्मीर में किसी भी जी20-संबंधित बैठक/कार्यक्रम के आयोजन पर विचार करना, क्षेत्र की विश्व स्तर पर स्वीकृत 'विवादित' स्थिति की अवहेलना करना है और यह एक मजाक है जिसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं कर सकता है।"

उन्होंने उम्मीद जताई कि, भारत की ओर से इस तरह के किसी भी विवादास्पद प्रस्ताव के मामले में जी20 के सदस्य कानून और न्याय की अनिवार्यता से पूरी तरह परिचित होंगे और इसे सिरे से खारिज कर देंगे। अहमद ने कहा कि, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी आग्रह करता है कि वह भारत से 5 अगस्त, 2019 के अपने कार्यों को रद्द करने और सभी राजनीतिक कैदियों को मुक्त करने का आह्वान करे। आपको बता दें कि, 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के लिए नई दिल्ली द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।

 पाकिस्तान ने खत्म कर दिए थे संबंध भारत के फैसले पर पाकिस्तान से कड़ी प्रतिक्रिया हुई, जिसने राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड किया और भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया। पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार भी रोक दिया। भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू और कश्मीर "हमेशा के लिए था, है और हमेशा रहेगा" देश का अभिन्न अंग बना रहेगा। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि, वह आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है।

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