100 साल पुराने 38 हजार Bridge पर दौड़ती Indian Railways, हादसे का इंतजार

गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी के ऊपर पुल हादसा होने के बाद देश भर के पुराने पुलों की विश्वसनीयता पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। आज हम आप को बताने जा रहे है ऐसे 38000 Bridge के बारे में जो 100 साल पुराने है।

Indian Railways Bridge : उज्जवल प्रदेश, नईदिल्ली. यह भी देखा जा रहा है जो 100 साल से ज्यादा पुराने पुल (Bridge) हैं उनकी क्या स्थिति है। इस हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई।

ब्रिटिश जमाने में बना मोरबी का पुल (Morbi bridge) झूलता पुल के नाम से मशहूर था और इस पर चढ़कर नदी का नजारा देखने के लिए बकायदा टिकट लगाया जाता था। इसी क्रम में अगर बात करें तो रेल में भी कई ऐसे पुल हैं जो 100 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। समय-समय पर उनकी मरम्मत और देखरेख का कार्य भी किया जाता है ताकि उनकी विश्वसनीयता बनी रहे।

राज्यसभा में 13 दिसंबर 2019 को एक प्रश्न उठाया गया था जिसके जवाब में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपना जवाब दिया और उन्होंने बताया था कि भारतीय रेल नेटवर्क में 38,850 रेल पुल ऐसे हैं जो 100 वर्ष से अधिक पुराने हैं। इसके साथ ही साथ रेलवे ने उस वक्त जोनवार अपना डाटा शेयर भी किया था जिसमें बताया गया था कि किस जोन में कितने पुल 100 साल से पुराने हैं और किस तरीके से उनकी देखरेख की जाती है।

उस समय जारी Indian Railways Bridge आंकड़ों की बात की जाए तो जोन वार डाटा इस प्रकार है :

  • मध्य रेलवे – 4346
  • पूर्व रेलवे – 2913
  • पूर्व मध्य रेलवे – 4754
  • पूर्व तट रेलवे – 924
  • उत्तर रेलवे – 8767
  • उत्तर मध्य रेलवे – 2281
  • पूर्वोत्तर रेलवे – 509
  • पूर्वोत्तर सीमा रेलवे – 219
  • उत्तर पश्चिम रेलवे – 985
  • दक्षिण रेलवे – 2493
  • दक्षिण मध्य रेलवे – 3040
  • दक्षिण पूर्व रेलवे – 1797
  • दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे – 875
  • दक्षिण पश्चिम रेलवे – 189
  • पश्चिम रेलवे – 2866
  • पश्चिम मध्य रेलवे – 1892

(यह वह लिस्ट है जो 2019 में रेलवे मंत्रालय द्वारा जारी की गई थी।)

रेलवे विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार

  • पूर्वोत्तर रेलवे सीमा में 3986 पुल हैं.
  • इनमें 25 महत्वपूर्ण और 387 बड़े पुल हैं.
  • बाकी 3574 छोटे पुल हैं.
  • 10 फीसदी पुल ऐसे हैं, जिनका रेलवे के पास कोई पुख्ता रिकॉर्ड नहीं है.
  • कुछ पुल 1884 में बने तो कुछ 1894 और 1896 में बने हैं.
  • रेलवे ने पुलों का सेफ्टी ऑडिट कराने का निर्देश दिया है.

देश के पांच सबसे पुराने पुल

  • यमुना नदी पर बना 554 नंबर का पुल मथुरा जिले में स्थित है, जो वर्ष 1884 में बना है.
  • घाघरा नदी पर एल्गिन ब्रिज 123 साल पुराना है. पुल 391 नंबर से रिकॉर्ड में दर्ज है जो 1896 में बना है.
  • पुल नंबर 409 मानपुर-नगरिया रूट पर स्थित है. जो 1894 में निर्मित है.
  • पलिया कला रूट पर स्थित शारदा ब्रिज पुल 97 नंबर से दर्ज है, जो 1894 में निर्मित है.
  • बलिया- बेल्थरा रूट पर 1909 में घाघरा नदी पर बनाया गया पुल नंबर 31 में दर्ज है.

अलग-अलग मौसम में होता है Indian Railways Bridge का निरीक्षण

राज्यसभा में पूछे गए सवाल को लेकर तत्कालीन रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने यह जवाब भी दिया था कि भारतीय रेलवे में पुलों के निरीक्षण के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली मौजूद है। सभी पुलों को वर्ष में दो बार उनके लिए चिन्हित अधिकारियों के जरिए निरीक्षण किया जाता है। निरीक्षण अलग-अलग मौसम में किया जाता है। पहला निरीक्षण मॉनसून से पहले किया जाता है और दूसरा मॉनसून खत्म होने के बाद विस्तृत रूप से किया जाता है।

निरीक्षण के बाद प्रत्येक पुल को एक ओवरऑल रेटिंग नंबर ओआरएन दिया जाता है और पुल के आरएन के आधार पर उसका पुनर्निर्माण किया जाता है। पीयूष गोयल ने यह भी बताया था कि पिछले 5 वर्षों (2014-15 से 2018-19) के दौरान भारतीय रेल पर कुल 4032 पुलों और 2019 से 20 के दौरान नवंबर 2019 तक 861 पुलों की मरम्मत/ पुनस्र्थापना/ पुनर्निर्माण किया गया है। 1 अप्रैल 2019 तक की स्थिति के अनुसार कुल 4168 रेल पुलों को मरम्मत/ पुनस्र्थापना/ पुनर्निर्माण के लिए स्वीकृत किया गया है।

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