Nitin Gadkari ने किया Car Scrappage Policy में बदलाव, जानें क्या है नियम

सरकार लगातार पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए काम कर रही है। पहले ही सरकार ने पुरानी निजी गाड़ियां और डीजल से चलने वाली गाड़ियों को एक तय सीमा के बाद चलाने पर रोक लगा दी थी।

नई दिल्ली. सरकार लगातार पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए काम कर रही है। कई नियम इसके लिए पहले ही बनाए जा चुके हैं और अब इसी क्रम में एक और नया नियम आ चुका है। पहले ही सरकार ने पुरानी निजी गाड़ियां और डीजल से चलने वाली गाड़ियों को एक तय सीमा के बाद चलाने पर रोक लगा दी थी।

अब यह लगाम सरकारी गाड़ियों पर भी कसने वाला है। केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सभी सरकारी गाड़ियों को 15 साल के बाद नहीं चलाया जाएगा और इस समय के पूरा होने के बाद इन गाड़ियों को स्क्रैप कर दिया जाएगा।

नए नियमों को सभी राज्यों में लागू किया जाएगा, जिसके तहत 15 साल से पुरानी सरकारी बसें, ट्रक और कारों को चलाने पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि इन गाड़ियों को स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत नष्ट किया जाएगा और संबंधित सरकारी विभाग इन्हे नष्ट करने की जिम्मेदारी उठायेंगे।

स्क्रैप पॉलिसी के तहत लाए गए हैं नियम

जानकारी के लिए आपको बता दें कि सरकारी वाहनों के लिए लाए गए इस नियम को स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत लाया गया है। इस नियम में दिल्ली जैसे जगहों पर 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को चलाने पर प्रतिबंध है। वहीं, पेट्रोल गाड़ियों को 15 साल तक चलाया जा सकता है। इसके बाद इन गाड़ियों को स्क्रैप करना पड़ेगा। सरकार ने इस नियम को सुचारु रूप से चलाने के लिए रजिस्टर्ड वाहन स्क्रैपर्स को भी नियुक्त किया है, जो ऐसी गाड़ियों को नष्ट करने का जिम्मा उठाते हैं।

अगले साल से बंद हो रही डीजल गाड़ियां

अगर आपकी गाड़ी इतनी पुरानी नहीं भी है तो नए एमिशन नॉर्म्स के तहत 1 अप्रैल 2023 से डीजल वाली गाड़ियों की बिक्री बंद हो जाएगी। इससे तहत बीएस 6 स्टेज 2 के नियमों को पूरा नहीं करने वाली गाड़ियों को बेचने की मनाही है और नियम को तोड़ने पर जुर्माने देना पद सकता है। नए नियमों के तहत ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट इंजनों को लाया जा रहा है, जिससे CO2 उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा।

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