मन की बात में बोले पीएम मोदी- आपातकाल के भयावह दौर को कभी न भूले युवा पीढ़ी

 नई दिल्ली
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। यह मासिक रेडियो कार्यक्रम का 90वां एपिसोड है। महीने के अंतिम रविवार को पीएम मोदी मन की बात के जरिए देश को संबोधित करते हैं।

मोदी ने कहा, "अमृत महोत्सव सैकड़ों वर्षों की गुलामी से मुक्ति की विजय गाथा ही नहीं, बल्कि आजादी के बाद के 75 वर्षों की यात्रा भी समेटे हुए है। इतिहास के हर अहम पड़ाव से सीखते हुए ही हम आगे बढ़ते हैं। आज जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहा है, अमृत महोत्सव मना रहा है, तो आपातकाल के उस भयावह दौर को भी हमें कभी भी भूलना नहीं चाहिए। आने वाली पीढ़ियों को भी भूलना नहीं चाहिए। इमरजेंसी के दौरान देशवासियों के संघर्ष का गवाह रहने का, साझेदार रहने का सौभाग्य मुझे भी मिला था।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "उस समय भारत के लोकतंत्र को कुचल देने का प्रयास किया गया था। देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस, सब पर नियंत्रण लगा दिया गया था। सेंसरशिप की ये हालत थी कि बिना स्वीकृति कुछ भी छापा नहीं जा सकता था। मुझे याद है, तब मशहूर गायक किशोर कुमार जी ने सरकार की वाह-वाही करने से इनकार किया तो उन पर बैन लगा दिया गया। रेडियो पर से उनकी एंट्री ही हटा दी गई।"
 
पीएम मोदी ने कहा, "मेरे प्यारे देशवासियो, हम में से शायद ही कोई ऐसा हो, जिसने अपने जीवन में आकाश से जुड़ी कल्पनाएं न की हों। बचपन में हर किसी को आकाश के चांद-तारे उनकी कहानियां आकर्षित करती हैं। युवाओं के लिए आकाश छूना, सपनों को साकार करने का पर्याय होता है। आज हमारा भारत जब इतने सारे क्षेत्रों में सफलता का आकाश छू रहा है, तो आकाश, या अन्तरिक्ष, इससे अछूता कैसे रह सकता है! बीते कुछ समय में हमारे देश में स्पेस सेक्टर से जुड़े कई बड़े काम हुए हैं।"

 

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