पाकिस्तानी हिंदुओं की वापसी का मुद्दा, चौधरी ने शाह को लिखा पत्र, धीमी’ नागरिकता प्रक्रिया पर सवाल

नई दिल्ली
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नाम पत्र लिखे हैं। उन्होंने सरकार से पाकिस्तानी हिंदुओं की नागरिकता के संबंध में तत्काल कदम उठाने की मांग की है। साथ ही एक अन्य पत्र में नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने के लिए भी कहा है। खास बात है कि हाल ही में खबर आई थी कि राजस्थान में बीते साल 800 पाकिस्तानी हिंदू उस देश में वापस लौट गए थे।

चौधरी ने सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि 'हमारे हिंदू भाइयों' को 'उत्पीड़न' का सामना नहीं करने पड़े और 'परेशान होकर पाकिस्तान नहीं लौटना पड़े।' खबर है कि ये लोग पाकिस्तान में धर्म के आधार पर हो रहे उत्पीड़न के आधार पर भारत में नागरिकता हासिल करने आए थे। कांग्रेस नेता ने लिखा कि धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए बड़ी संख्या में भारत आए पाकिस्तानी हिंदुओं को वापस लौटना पड़ा, क्योंकि वे भारतीय नागरिकता हासिल करने में सक्षम नहीं थे।

उन्होंने लिखा, 'गृहमंत्रालय ने 2018 और 2021 में दोबारा घोषणा की थी कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध ऑनलाइन भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। पाकिस्तान से हजारों हिंदू भारत आए और भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन दिया। हालांकि, धीमी और भारी प्रक्रिया के चलते इसमें थोड़ी ही प्रगति हुई है और वे इतने परेशान हो गए कि वापस पाकिस्तान जा रहे हैं।'

पत्र में उन्होंने पाकिस्तान सरकार पर भी भारत के खिलाफ हिंदुओं का इस्तेमाल करने के आरोप लगाए। उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान सरकार वापस लौटने वालों में से कई को यह कहने पर मजबूर कर रही है कि उनके साथ भारत में गलत व्यवहार हुआ। उन्होंने लिखा, 'सबसे बुरी बात यह है कि जब वे वापस लौटे, तो पाकिस्तानी एजेंसियों ने उनका इस्तेमाल भारत को बदनाम करने के लिए किया। उन्हें मीडिया के सामने परेड कराई गई और कहने पर मजबूर किया गया कि भारत में उनके साथ गलत व्यवहार किया।' उन्होंने नागरिकता प्रक्रिया की खामियां भी गिनाईं। उन्होंने कहा, 'चूंकि यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है, तो पोर्टल एक्सपायर हो चुके पाकिस्तानी पासपोर्ट को स्वीकार नहीं कर रहा। ऐसे में शरण चाह रहे लोग मजबूरन भारी रकम चुकाकर दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के पास पासपोर्ट रिन्यू करा रहे हैं।'

चौधरी ने लिखा, 'ये लोग भयंकर आर्थिक परेशानियों के बीच भारत आते हैं और पाकिस्तानी पासपोर्ट के लिए बड़ी राशि खर्च करना इनके लिए वाकई मुश्किल है। भारत आने वाले इन पाकिस्तानी हिंदुओं की हालत दयनीय और खराब है। वे न यहां है और न ही वहां हैं। मैं आपसे तत्काल उचित कदम उठाने की अपील करता हूं, ताकि हमारे हिंदू भाइयों को उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़े और उन्हें परेशान होकर पाकिस्तान वापस नहीं जाना पड़े।'

दूसरे पत्र में उन्होंने शाह से सीएए वापस लेने की मांग की है। उन्होंने भारतीय संविधान के 'जियो और जीने दो' का जिक्र करते हुए लिखा, 'इसलिए मुझे भरोसा है कि एक खास समुदाय के खिलाफ यह कानून न्यायिक जांच में खड़ा नहीं हो पाएगा।' उन्होंने कहा, 'शायद आप से अच्छी तरह से जानते हैं और यही कारण है कि एक्ट पास होने के दो साल बाद भी आप CAA के नियम नहीं बना पाए हैं।'

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