बद्रीनाथ धाम में 235 वर्षों बाद शुरू होगी यह परंपरा,19 नवंबर को बंद होंगे कपाट

चार धामों में सबसे प्रमुख बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल में 6 माह के लिए फिर से बंद किये जा रहे हैं। श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे। इसके साथ ही चार धाम याात्रा का समापन भी हो जाएगा।

देहरादून. उत्तराखंड के चार धामों में सबसे प्रमुख बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल में 6 माह के लिए फिर से बंद किये जा रहे हैं। श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे। इसके साथ ही चार धाम याात्रा का समापन भी हो जाएगा। इस साल बद्रीनाथ धाम के कपाट 08 मई 2022 को रविवार के दिन श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे।

235 सालों बाद होने जा रहा ऐसा

19 नवंबर को श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के समय ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की उपस्थिति की परंपरा एक बार फिर से शुरू होने जा रही है। ऐसे में 235 सालों बाद ये अवसर होगा जब बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के समय ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज उपस्थित रहेंगे। कई सलों से यह परंपरा बंद हो गई थी, जिसे फिर से शुरू किया जा रहा है।

भारत के चार धामों में से एक है श्री बद्रीनाथ धाम

बद्रीनाथ धाम भारत के चार धामों में भी एक प्रमुख धाम है। यह धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे पर स्थित है। यहां साक्षात भगवान विष्णु जी का वास है। बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने मनुष्य के सरे पाप मिट जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ती होती है।

गौरतलब है कि, उत्तराखंड के चार धाम शीतकाल में 6 माह के लिए श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिये जाते हैं। इसके बाद ग्रीम ऋतु में मई माह में एक बार फिर से चारों धामों के पट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं। इस बार श्री बद्रीनाथ धाम से पहले केदारनाथ धाम, गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो गए थे।

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