विधानसभा शीत सत्र : कारम बांध को लेकर सज्जन सिंह को दिया जवाब

Assembly winter session : मंत्री तुलसी सिलावट ने कांग्रेस के एक विधायक के प्रश्न पर जानकारी एकत्रित करने का हवाला दिया, वहीं दूसरे विधायक के सवाल पर इस बांध के संबंध में जानकारी दे दी।

Assembly winter session : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. कारम बांध को लेकर विधानसभा में आए सवाल में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कांग्रेस के एक विधायक के प्रश्न पर जानकारी एकत्रित करने का हवाला दिया, वहीं दूसरे विधायक के सवाल पर इस बांध के संबंध में जानकारी दे दी। कारम बांध में रिसाव होने के बाद मामले में निलंबित चारों उपयंत्रियों को विभाग की ओर से आरोप पत्र जारी किया जा चुका है। इस संबंध में सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी और पांचीलाल मेड़ा ने सवाल लगाए थे।

जीतू के सवाल पर एकत्र की जा रही जानकारी

जीतू पटवारी ने सवाल किया था कि कारम बांध की पुरानी डीपीआर में परिवर्तन कर बांध की ऊं चाई कम कर नई डीपीआर बनाई जा रही है। वहीं उन्होंने यह भी सवाल किया था कि पूर्व में डीपीआर किस कंसलटेंट द्वारा बनाई गई थी। उसका नाम, पता और भुगतान की गई राशि की जानकारी दी जाए, साथ ही यह भी बताया जाए कि पूर्व की डीपीआर उचित नहीं थी तो उस कंसलटेंट पर क्या कार्यवाही की जाएगी।

कंसलटेंट और शासन के बीच हुए अनुबंध की प्रति भी इस सवाल के जरिए जीतू पटवारी ने मांगी थी। साथ ही यह भी पूछा कि बांध के निर्माण में गलती के कारण 15 करोड़ का नुकसान हुआ। अनुबंध की किस धारा के तहत सारथी कंपनी पुन: कार्य कर इसको ठीक करेगी। कारम बांध के अलावा प्रदेश में और कौन-कौन से बांधों में पिछले पांच साल में रिसाव हुआ या अन्य कोई गड़बड़ी हुई थी, इसकी जानकारी भी सवाल में पूछी गई थी।

सज्जन सिंह वर्मा के सवाल पर आया उत्तर

वहीं इसी बांध को लेकर सज्जन सिंह वर्मा के सवाल के उत्तर में मंत्री सिलावट ने बताया कि मेसर्स एएनएस कंस्ट्रक्शन कंपनी नई दिल्ली से अगस्त 2018 में अनुबंध किया गया था। जिसमें 50 प्रतिशत कार्य सारथी कन्स्ट्रक्शन कंपनी को सबलेट किया गया था। अगस्त 2020 में सबलेटिंग की अनुमति दी गई थी। उस वक्त दोनों ही कंपनी ब्लैक लिस्टेड नहीं थी।

वर्षाकाल के दौरान बांध से रिसाव होने पर बांध की सुरक्षा एवं जनधन हानि को रोकने के लिए बांध कटाव नियंत्रण तकनीक से सुरक्षित एवं नियंत्रित तरीके से बायपास चैनल बनाकर जल निकासी की गई थी। इस मामले में चार उपयंत्रियों को निलंबित किया गया था। चारों को आरोप पत्र जारी कर दिए गए हैं।

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