एक गलत जबाब और गूगल को लगा 8200 करोड़ रुपये का झटका

एक गलत जवाब ने गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट को 100 अरब डॉलर (करीब 8200 करोड़ रुपये) डुबा दिए। बुधवार को गूगल के पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के शेयर 8 फीसगी गिरकर 99.05 डॉलर पर पहुंच गए।

नईदिल्ली

टेक कंपनी गूगल को बड़ा झटका लगा है। एक गलत जवाब ने गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट को 100 अरब डॉलर (करीब 8200 करोड़ रुपये) डुबा दिए। बुधवार को गूगल के पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के शेयर 8 फीसगी गिरकर 99.05 डॉलर पर पहुंच गए। और इस गिरावट की वजह से कंपनी को 100 अरब डॉलर डूब गए। असल में कंपनी ने गूगल के नए चैटबॉट बार्ड के एक प्रमोशनल वीडियो में गलत जानकारी दी और उसका खामियाजा कंपनी को उठाना पड़ा। इस एक गलत से निवेशकों में खलबली मच गई। और यह आशंका फैल गई कि गूगल का चैटबॉट प्रतिद्वंद्वी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के चैटबॉट से कैसे मुकाबला करेगा ?

क्या है मामला
असल में पूरा मामला दो दिग्गज कंपनियों के चैटबॉट की लड़ाई का है। जब माइक्रोसॉफ्ट के बहुचर्चित चैटबॉट ChatGPT आया है, उसके बाद अल्फाबेट भी नए चैटबॉट को लाने की तैयारी में था। इसी कड़ी में कंपनी ने अपना चैटबॉट Bard लॉन्च किया है। कंपनी ने ट्विटर पर इसका एक शॉर्ट वीडियो पोस्ट किया। और यही एक सवाल और उसके गलत जवाब ने कंपनी के 100 अरब डॉलर डुबा दिए।

किस वजह से हुआ Google को नुकसान?

इसकी वजह गूगल के प्रमोशनल वीडियो में दी गई गलत जानकारी है. बुधवार को अमेरिकी बाजार में Alphabet के शेयर 9 परसेंट तक गिर गए. Reuters ने गूगल ने प्रमोशनल वीडियो में गड़बड़ी खोजी थी, जिसके बाद कंपनी के शेयर्स में भारी गिरावट आई.

क्या था सवाल और जवाब

असल में इस वीडियो में गूगल के चैटबॉट से एक व्यक्ति ने पूछा था कि James Webb Space Telescope ने ऐसा क्या खोजा है, जो में अपने नौ साल के बच्चे को बता सकूं। इस पर Bard ने कई जवाब दिए। इसमें एक जवाब में उसने बताया कि इस टेलीस्कोप से पहली बार पृथ्वी के सोलर सिस्टम के बाहर किसी ग्रह की तस्वीर ली गई। जो कि गलत जानकारी थी। क्योंकि यह काम सबसे पहले यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेटरी के वैरी लॉर्ज टेलीस्कोप ने साल 2004 में किया था।क्योंकि इस सवाल ने Bard की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए। इसलिए उसके शेयरों में भारी गिरावट देखी गई।

क्या करता है JWST?

दरअसल, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का इस्तेमाल ब्रह्मांड के अतीत की जांच के लिए किया जाता है. इसके काम को चार हिस्सों में बांटा गया है और इसे हबल टेलीस्कोप का सक्सेसर भी कहा जाता है.

क्या Microsoft ने हासिल कर ली बढ़त?

Google ने Microsoft और Open AI के ChatGPT को टक्कर देने के लिए Bard का ऐलान तो कर दिया, लेकिन इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी. गूगल अपने चैटबॉट को कब और कैसे कोर सिस्टम में इंटीग्रेट करेगा, इस बारे में कंपनी ने कुछ नहीं बताया है.

बुधवार को गूगल ने इसका प्रेजेंटेशन तो दिखाया, लेकिन उसमें ज्यादा डिटेल्स नहीं थी. वहीं Microsoft ने ChatGPT को इंटीग्रेड करके नया Bing सर्च इंजन लॉन्च कर दिया है.

हालांकि, इस पर भी अभी वेटलिस्ट शो हो रही है, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट ने सही वक्त पर Open AI के साथ डील करके गूगल को टक्कर दे दी है. इस पूरे खेल में कंपनी कितने वक्त तक लीड ले पाती है, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. मगर लंबे वक्त के बाद गूगल को अपने ताज पर खतरा महसूस हो रहा है.

ChatGPT को Open AI ने डेवलप किया है. ये एक कन्वर्सेशनल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट है. यानी ये चैटबॉट आपके सवालों के जवाब बातचीत के तरीके से देता है. पिछले कुछ वक्त में इस चैटबॉट में काफी पॉपुलैरिटी हासिल कर ली. इसे देखते हुए Microsoft ने Open AI से हाथ मिला लिया और दोनों साथ में आ गए.

Microsoft को क्या फायदा होगा?

माइक्रोसॉफ्ट ने Bing को ChatGPT के साथ लॉन्च कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ Open AI ने ChatGPT को सब्सक्रिप्शन बेस्ड बना दिया है. वैसे यूजर्स को इसका फ्री वर्जन भी मिल रहा है, लेकिन उसमें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

ऐसे में यूजर्स इस सर्विस को फ्री यूज करने के लिए Microsoft Bing पर आएंगे. इस तरह से माइक्रोसॉफ्ट Google को सर्च मार्केट में टक्कर दे पाएगा.

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