BBC के ऑफिस में 23 घंटे से रेड जारी, ‘हम फ्री प्रेस का समर्थन करते हैं’ IT सर्वे पर बोला US

प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि वॉशिंगटन को बीबीसी के दफ्तरों पर हुई तलाशी के बारे में जानकारी है। उन्होंने पत्रकार को इस बारे में भारतीय अधिकारियों से जानकारी हासिल करने के लिए कहा

नईदिल्ली

गुजरात हिंसा से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री को लेकर जारी विवाद के बीच ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तर पर आयकर विभाग ने मंगलवार को छापेमारी की है. यहां आयकर की टीम पिछले 23 घंटे से सर्वे कर रही है. यह रेड मंगलवार को दोपहर 12 बजे से शुरू हुई थी. बताया जा रहा है कि इंटरनेशनल टैक्स में गड़बड़ी को लेकर बीबीसी दफ्तर पर आईटी की एक टीम जांच के लिए पहुंची है. इतना ही नहीं, जांच के लिए पहुंची आयकर की टीम ने ऑफिस में मौजूद कर्मचारियों के फोन भी जब्त कर लिए, और कर्मचारियों से दफ्तर छोड़कर घर जाने के लिए कहा गया.

बीबीसी के दफ्तर पर इनकम टैक्स की इस कार्रवाई को इंटरनेशनल टैक्स से जुड़ा मामला बताया जा रहा है. जिसमें टैक्स में गड़बड़ी को लेकर बीबीसी दफ्तर पर 23 घंटे से आईटी की ये सर्चिंग चल रही है. माना जा रहा है कि आयकर की टीम आज बुधवार को भी अपनी जांच जारी रख सकती है. ऐसे में बीबीसी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि हम अपने कर्मचारियों के साथ हैं, और इस जांच में आईटी की टीम की मदद कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि स्थिति जल्दी ही सामान्य हो जाएगी.

जारी किये गये बयान में आगे कहा गया कि हमारा आउटपुट और पत्रकारिता से जुड़ा काम रोजाना की तरह चलता रहेगा. हम अपने रीडर्स को सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. वहीं जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन की सरकार इस स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है, बीबीसी ने कहा है कि उसके कुछ कर्मचारियों को आयकर की जारी पूछताछ में सहयोग करने के लिए अपने दिल्ली और मुंबई कार्यालयों में रहने को कहा गया है.

बीबीसी एडिटर्स और आईटी अफसरों के बीच तीखी बहस

इससे पहले बीबीसी कार्यालय से जुड़े सूत्रों ने आज तक को जानकारी दी कि जब इनकम टैक्स के अधिकारियों ने यहां दिल्ली कार्यालय में छापा मारा तो बीबीसी दिल्ली के संपादकों और जांच के लिए पहुंचे इनकम टैक्स के अधिकारियों के बीच टकराव हुआ. इस रेड को लेकर आईटी अफसरों के साथ यह तीखी बहस इस बात पर हुई कि वो बीबीसी दिल्ली के ऑफिस पर सभी सिस्टम की जांच करेंगे.

आईटी की टीम ने सिस्टम पर खोजे 4 कीवर्ड

जिसके बाद आईटी अधिकारियों ने ऑफिस के कर्मचारियों के कंप्यूटर में ‘शेल कंपनी’, ‘फंड ट्रांसफर’, ‘विदेशी ट्रांसफर’ सहित सिस्टम पर चार कीवर्ड खोजे. बीबीसी के संपादकों ने आईटी अधिकारियों से कहा था कि वे अपने सिस्टम पर किसी भी संपादकीय सामग्री (Editorial Content) का एक्सेस नहीं देंगे. इसी बीच भारत में बीबीसी के दफ्तरों में आईटी के इस छापे को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बयान दिया है. नेड प्राइस ने कहा, हम भारतीय कर अधिकारियों द्वारा दिल्ली में बीबीसी कार्यालयों की तलाशी के बारे में जानते हैं. मैं और अधिक व्यापक रूप से कहूंगा कि हम दुनिया भर में स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समर्थन करते हैं.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने जताई चिंता

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने बयान जारी कर आयकर विभाग की ओर से की गई छापेमारी पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार की आलोचना करने वाले निशाने पर हैं. जारी बयान में कहा गया है कि बीबीसी के नई दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तर पर सर्वे के लिए की गई रेड से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया चिंतित है.

एडिटर्स गिल्ड ने सितंबर 2021 में न्यूज क्लिक और न्यूज लाउंड्री के दफ्तर पर इसी तरह की कार्रवाई का भी जिक्र किया है. एडिटर्स गिल्ड ने कहा है कि दैनिक भास्कर और भारत समाचार के खिलाफ भी आयकर विभाग ने सर्वे की कार्रवाई की थी. फरवरी 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने न्यूज क्लिक के कार्यालय पर पर छापेमारी की थी. इनमें से हर एक मामले में छापेमारी और सर्वे की कार्रवाई सरकार के खिलाफ समाचार संस्थानों की ओर से की गई आलोचनात्मक कवरेज को लेकर हुई थी.

BBC पर भारत में हुए आयकर विभाग के एक्शन पर अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है। व्हाइट हाउस ने कहा है कि वे इस मामले पर कोई भी फैसला देने की स्थिति में नहीं हैं। हालांकि, अमेरिका ने फ्री प्रेस की जरूरत की बात कही है। मंगलवार को IT डिपार्टमेंट के अधिकारी सर्वे के लिए बीबीसी के दिल्ली और मुंबई दफ्तर पहुंचे थे।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि वॉशिंगटन को बीबीसी के दफ्तरों पर हुई तलाशी के बारे में जानकारी है। उन्होंने पत्रकार को इस बारे में भारतीय अधिकारियों से जानकारी हासिल करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अमेरिका पूरी दुनिया में फ्री प्रेस का समर्थन करता है।

प्राइस ने कहा, ‘मैं नहीं कह सकता। हम इस तलाशी के बारे में जानते हैं, लेकिन मैं कोई फैसला देने की स्थिति में नहीं हूं।’ दरअसल, प्रवक्ता से सवाल किया गया था कि क्या ये तलाशियां लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ हैं। मंगलवार सुबह शुरू हुई बीबीसी की तलाशी बीबीसी के दफ्तरों में देर रात तक जारी रही। इसके संबंध में ब्रिटेन स्थित मुख्यालय को भी जानकारी दे दी गई थी।

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