Operation Sindoor: विदेश मंत्री जयशंकर बोले – ‘आतंकी ठिकानों पर हमला करने के 30 मिनट बाद दी PAK को जानकारी’

Operation Sindoor: विदेश मंत्री ने सिंधु जल संधि, सीजफायर समझौते, विदेशी दबाव और ऑपरेशन सिंदूर जैसे विषयों पर चर्चा की।

Operation Sindoor: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अध्यक्षता में सोमवार को संसदीय सलाहकार समिति की बैठक हुई, जिसमें विदेश मामलों से जुड़े कई संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बैठक में विदेश मंत्री ने सिंधु जल संधि, सीजफायर समझौते, विदेशी दबाव और ऑपरेशन सिंदूर जैसे विषयों पर चर्चा की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विदेश मंत्री ने सभी सदस्यों को भरोसा दिलाया कि सरकार देशहित में कदम उठा रही है और आगे भी हर निर्णय राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देकर ही लिया जाएगा।

विदेश मंत्री ने सिंधु जल संधि को लेकर समिति के सदस्यों को आश्वस्त किया कि जो भी होगा, वह ‘देशहित में और अच्छा’ होगा। विदेशी हस्तक्षेप पर जयशंकर ने बताया कि जब भी किसी देश ने भारत से जवाब मांगा, तो हमने साफ शब्दों में कहा, वह फायर करेंगे तो हम फायर करेंगे वो रोकेंगे तो हम रुकेंगे।

विदेश मंत्री बोले – ‘सीजफायर आपसी बातचीत से हुआ’

विदेश मंत्री ने सदस्यों को बताया कि जब अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान बड़ा हमला कर सकता है, तो भारत ने साफ कह दिया, ‘अगर पाकिस्तान बड़ा हमला करेगा तो हम उससे भी बड़ा हमला करने के लिए तैयार हैं।’ जयशंकर ने सदस्यों को बताया कि सीजफायर किसी बाहरी दबाव से नहीं, बल्कि दोनों देशों के DGMO के आपसी संपर्क से हुआ। पाकिस्तान की ओर से पहल करते हुए उनके DGMO ने भारतीय DGMO से संपर्क किया था।

‘कोई जानकारी चाहिए तो सरकार से करें संपर्क’

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्षी दलों की ओर से उठाए जा रहे सवालों पर विदेश मंत्री ने साफ किया कि ऑपरेशन शुरू होने के आधे घंटे के भीतर पाकिस्तान को सूचित कर दिया गया था कि हमला सिर्फ आतंकी ठिकानों पर किया गया है। साथ ही उन्होंने अपील की कि इस संवेदनशील मसले पर अगर किसी को जानकारी चाहिए तो सरकार से सीधे संपर्क करें, मीडिया में बयानबाजी से बचें क्योंकि इससे माहौल बिगड़ता है। जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है।

‘पाकिस्तान का खुलकर साथ नहीं दिया चीन ने’

विदेश मंत्री ने बताया कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर सिर्फ तुर्की और अजरबैजान का खुला समर्थन मिला, जबकि भारत के साथ कई देश खुले तौर पर सामने आए। जो देश सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आए, उन्होंने भी आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का समर्थन किया। सूत्रों के अनुसार, जयशंकर ने बताया कि तुर्की और अजरबैजान भले ही पाकिस्तान के समर्थन में खुलकर आए हों, लेकिन चीन ने वैसा खुला समर्थन नहीं दिया जैसा पाकिस्तान को उम्मीद थी।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन… More »

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