Pension Rules: पेंशन नियम में सरकार करेगी बड़े बदलाव, 31 मई से होंगे बड़े बदलाव
Pension Rules Update: प्रदेश में अभी शासकीय सेवक माता या पिता की मृत्यु के बाद आश्रित को परिवार पेंशन देने का नियम है। परिवार पेंशन नियम 1976 के अनुसार दोनों का निधन होने पर 18 वर्ष तक के बेटे और 25 वर्ष तक की बेटी को ही परिवार पेंशन पाने की पात्रता है।

Pension Rules Update: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. सरकार 31 मई से सीनियर सिटिज़न्स के लिए पेंशन पॉलिसी में बड़ा सुधार करने जा रही है। यह बदलाव सिर्फ वर्तमान पेंशनधारकों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आने वाले रिटायर्ड नागरिकों के लिए भी लाभदायक होगा। पहले की योजनाओं में पारदर्शिता और समानता की कमी थी। अब सरकार एक ऐसी व्यवस्था लागू कर रही है जिसमें बुजुर्गों की गरिमा और जरूरत दोनों का ध्यान रखा जाएगा।
कर्मचारियों के हित में एक के बाद एक कदम उठाने के बाद अब सरकार पेंशनरों की भी सुध लेने जा रही है। पेंशन नियम में संशोधन को अंतिम रूप देने में वित्त विभाग जुटा है। इसमें आश्रित अविवाहित पुत्री को 25 वर्ष से अधिक आयु होने पर भी परिवार पेंशन की पात्रता रहेगा। साथ ही विधवा (कल्याणी) और परित्याक्ता को भी सम्मिलित किया जाएगा।
Pension Rules: आश्रित अविवाहित पुत्री के लिए भी 25 वर्ष का है बंधन
- भारत सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए यह प्रावधान कर दिया है, जिसे प्रदेश के कर्मचारियों के लिए लागू करने की मांग काफी समय से की जा रही थी।
- संभावना जताई जा रही है कि जून-जुलाई में संशोधित नियम लागू किए जा सकते हैं।
- जबकि, भारत सरकार ने 28 अप्रैल 2011 को अपने कर्मचारियों के मामले में पेंशन नियमों में संशोधन कर 25 वर्ष से अधिक की अविवाहित बेटी, विधवा, परित्यक्ता बेटी को पेंशन देने की पात्रता दी है।
- अविवाहित पुत्री की स्थिति में आयु 25 साल से अधिक होने के बाद भी जब तक उसका विवाह नहीं होता, तब तक उसे परिवार पेंशन मिलती रहेगी।
- विधवा बेटी और परित्यक्ता के मामलों में आजीवन पेंशन का प्रविधान है। अब यह व्यवस्था मध्य प्रदेश में लागू करने पर सैद्धांतिक सहमति बनी है।
कर्मचारी आयोग कर चुका है अनुशंसा
- सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जीपी सिंघल की अध्यक्षता वाला कर्मचारी आयोग भी अविवाहित पुत्रियों की परिवार पेंशन की पात्रता आयु में वृद्धि सहित विधवा और परित्याक्ता को शामिल करने की अनुशंसा कर चुका है।
- यह रिपोर्ट वित्त विभाग को सौंपी जा चुकी है, जिस पर पेंशन संचालनालय भी अभिमत दे चुका है। रिपोर्ट को लेकर वित्त विभाग के कुछ प्रश्न थे, जिस पर पेंशन संचालनालय ने एक बार फिर अपना पक्ष रख दिया है।
- सूत्रों का कहना है कि वित्त विभाग ने सेवानिवृत्त अधिकारियों की नियमों में संशोधन के लिए जो समिति बनाई है, वह नियम को अंतिम रूप दे रही है और जून-जुलाई में कैबिनेट की अनुमति मिलते ही इसे प्रभावी कर दिया जाएगा।
अब ₹5000 मिलेगी हर महीने
नई नीति के तहत न्यूनतम पेंशन राशि ₹3000 से बढ़ाकर ₹5000 कर दी जाएगी। इस बदलाव से करोड़ों बुजुर्गों को राहत मिलेगी। साथ ही यह राशि हर साल महंगाई दर के अनुसार बढ़ेगी। पहले से किसी योजना में शामिल न होने वाले लोग भी अब इसका लाभ ले सकेंगे। इसका मकसद है कि कोई भी बुजुर्ग वित्तीय तंगी से न जूझे।
उम्र की सीमा और तकनीकी सहूलियत
अब पेंशन के लिए पात्रता उम्र घटाकर 58 वर्ष की जा रही है। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी जिससे लंबी लाइनें खत्म होंगी। फेस रिकग्निशन से सालाना लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना आसान हो जाएगा। जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है, उनके लिए CSC केंद्रों से आवेदन की सुविधा रहेगी। इस कदम से तकनीक और बुजुर्गों के बीच की दूरी कम होगी।
नई पेंशन राशि – श्रेणीवार विवरण
श्रेणी | पहले की राशि (₹/माह) | नई राशि (₹/माह) 2025 से |
---|---|---|
वृद्धावस्था पेंशन | 3,000 | 4,500 |
विधवा पेंशन | 2,500 | 6,000 |
दिव्यांग पेंशन (सामान्य) | 3,000 | 4,500 |
गंभीर दिव्यांग | 5,000 | 10,000 |
विशेष सुविधा अकेले बुजुर्गों के लिए
सरकार ने उन वरिष्ठ नागरिकों को भी ध्यान में रखा है जिनका कोई परिवार नहीं है। इनके लिए “वरिष्ठ सहयोग” नाम से अलग सुविधा शुरू की जाएगी। यह सुविधा उन्हें सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा देने का काम करेगी। साथ ही महिला पेंशनर्स को हर महीने अतिरिक्त ₹500 की राशि मिलेगी ताकि लैंगिक समानता सुनिश्चित हो सके।
डिजिटल प्रक्रिया से बदलाव की शुरुआत
नई योजना में आवेदन की पूरी प्रक्रिया मोबाइल OTP और आधार वेरिफिकेशन से होगी। आवेदन स्वीकृति के बाद पेंशन राशि सीधे बैंक खाते में आएगी। कोई भी बुजुर्ग बिना भागदौड़ के घर बैठे योजना का हिस्सा बन सकेगा। सरकार की आधिकारिक वेबसाइट और CSC दोनों से आवेदन किया जा सकेगा। यह पूरी प्रणाली पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य होगी।
लोगों की राय और बदलती ज़िंदगी
कृष्णा देवी को अब ₹5000 मिलने से दवाओं और राशन की चिंता नहीं रही। रामलाल ने बताया कि मोबाइल से लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना पहले से कहीं आसान हो गया है। ऐसे अनुभव दिखाते हैं कि यह पॉलिसी सिर्फ एक योजना नहीं बल्कि जीवन में स्थिरता और आत्मसम्मान की शुरुआत है। कई बुजुर्गों ने इसे राहत की सांस की तरह लिया है।
नए नियमों का समाज पर असर
- आर्थिक सुरक्षा: लाखों वृद्ध, विधवा और दिव्यांग नागरिकों को सम्मानजनक जीवन।
- महिलाओं को सशक्तिकरण: पुनर्विवाह के बाद भी पेंशन, आत्मनिर्भरता।
- दिव्यांगजनों को राहत: कम प्रतिशत पर भी पेंशन, गंभीर दिव्यांगता पर अधिक राशि।
- पारदर्शिता: डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन ट्रैकिंग से भ्रष्टाचार पर रोक।
- आवेदन में सुविधा: ऑनलाइन/ऑफलाइन दोनों विकल्प, ग्रामीण-शहरी सभी के लिए आसान।
योजना का उद्देश्य
- समाज के कमजोर वर्गों को आर्थिक सुरक्षा देना।
- वृद्ध, विधवा और दिव्यांग नागरिकों को आत्मनिर्भर बनाना।
- डिजिटल इंडिया के तहत पारदर्शिता और सुविधा बढ़ाना।
- महिलाओं और दिव्यांगजनों को सम्मान और सशक्तिकरण देना।
हेल्पलाइन और संपर्क
- राज्य सामाजिक कल्याण विभाग की वेबसाइट
- नजदीकी पंचायत/नगर निगम कार्यालय
- टोल फ्री हेल्पलाइन (राज्य अनुसार अलग-अलग)
- पोर्टल पर उपलब्ध शिकायत निवारण फॉर्म