PM Modi और शुभांशु शुक्ला के वार्ता में गाजर का हलवा बना केंद्र बिंदु, कहा ‘भारत बहुत भव्य’
PM Modi ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से शनिवार को बातचीत की। वहीं इस दौरान पीएम मोदी को शुभांशु शुक्ला ने बताया कि जब हम पृथ्वी को बाहर से देखते हैं, तो ऐसा लगता है कि कोई सीमा मौजूद नहीं है।'

PM Modi: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से शनिवार को बातचीत की। इस दौरान, दोनों की चर्चा में गाजर के हलवा का भी जिक्र हुआ। जी हां, शुभांशु शुक्ला से पीएम मोदी ने पूछा कि क्या जो गाजर का हलवा आप अपने साथ ले गए हैं वो अपने साथियों को खिलाया? उस पर उन्होंने कहा, ‘हां, मैं गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस लाया। मैं चाहता था कि दूसरे देशों से मेरे साथ आए सभी लोग समृद्ध भारतीय पाककला का आनंद लें। हम सभी ने इसे एक साथ खाया और सभी को यह पसंद आया। अब देखना है कि कब तक वे लोग नीचे आएंगे और हमारे देश आकर इन पकवानों का स्वाद ले सकेंगे।’
शुभांशु शुक्ला से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने उनसे अंतरिक्ष की परिस्थितियों और उनके साथ तालमेल बिठाने के तरीके के बारे में पूछा। इसके जवाब में शुक्ला ने कहा, ‘यहां सब कुछ अलग है। हमने एक साल तक ट्रेनिंग की और अलग-अलग सिस्टम के बारे में सीखा। लेकिन यहां आने के बाद सब कुछ बदल गया। यहां छोटी-छोटी चीजें भी अलग हैं क्योंकि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं है। यहां सोना एक बड़ी चुनौती है। इस माहौल में ढलने में थोड़ा समय लगता है।’
यहां से देखें ट्वीट..
PM @narendramodi interacted with Group Captain Shubhanshu Shukla, who is aboard the International Space Station. pic.twitter.com/Q37HqvUwCd
— PMO India (@PMOIndia) June 28, 2025
मिशन गगनयान को आगे बढ़ाने पर चर्चा
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बातचीत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है। हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर उतरे। आपके अनुभव भविष्य के सभी मिशनों में अहम भूमिका निभाएंगे। मुझे विश्वास है कि आप अपने अनुभव के हर हिस्से को लगन से रिकॉर्ड कर रहे हैं।’ शुभांशु शुक्ला ने यह भी बताया, ‘जब हमने पहली बार भारत को देखा तो पाया कि भारत बहुत भव्य, बहुत बड़ा, नक्शे पर जो हम देखते हैं, उससे कहीं अधिक बड़ा दिखता है। जब हम पृथ्वी को बाहर से देखते हैं, तो ऐसा लगता है कि कोई सीमा मौजूद नहीं है। कोई राज्य मौजूद नहीं है और कोई देश मौजूद नहीं है। हम सभी मानवता का हिस्सा हैं और पृथ्वी हमारा एक घर है।’