पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध मजबूत होने की उम्मीद: सिद्धू

जयपुर 
पाकिस्तान में आर्मी चीफ से गले मिलने के बाद आलोचना झेल रहे कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को उम्मीद जताई कि पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत के साथ उसके रिश्तों में सुधार आएगा।  
सिद्धू ने दावा किया कि उनका यह भरोसा तब और मजबूत हुआ, जब वह पाकिस्तान से लौटे और कुछ नोंकझोक हुई। इस पर इमरान खान की तरफ से संदेश आया कि वे दोनों देशों के रिश्तों में सुधार चाहते हैं और इस दिशा में अगर हम एक कदम बढ़ाएंगे तो पाकिस्तान दो कदम आगे बढ़ाएंगे। 

 राजस्थान के अजमेर शहर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए सिद्धू ने कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जब पाक से लौटे तो कारगिल युद्ध हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पाकिस्तान से वापस आए तो पठानकोट में आतंकवादी हमला हो गया, लेकिन जब मैं वापस आया तो कुछ 'नोकझोक' होने पर मेरे दोस्त का संदेश आया कि हम शांति चाहते हैं। आप एक कदम बढ़ेंगे और हम दो कदम बढ़ेंगे।' 

अजमेर में यूथ कांग्रेस द्वारा आयोजित 'सोच से सोच की लड़ाई' कार्यक्रम में पंजाब के पर्यटन मंत्री ने एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि खिलाड़ी बाधा तोड़ते हैं और चाहे खिलाड़ी हो या कलाकार, वे प्यार का संदेश देकर लोगों को करीब लाने के लिए काम करते हैं।' 

क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने कहा कि बातचीत और संवाद द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने का एकमात्र तरीका है, क्योंकि रक्त बहाकर कुछ भी हासिल नहीं किया गया। यह केवल नकारात्मकता लेकर आता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 25 दिसम्बर 2015 की लाहौर यात्रा के दौरान वहां के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात का उल्लेख करते हुए सिद्धू ने कहा कि मोदी बिना किसी निमंत्रण के गए थे, क्योंकि 'बातचीत ही एक मात्र रास्ता' है। 

 बता दें कि पाकिस्तान में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में जाने और पाक आर्मी चीफ को गले लगाने के कारण सिद्धू बीजेपी के निशाने पर थे। हालांकि, बाद में सिद्धू ने सफाई देते हुए कहा था कि वह व्यक्तिगत संबंधों के कारण समारोह में शामिल होने के लिए गए थे। 

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