विपक्ष के साथ एनडीए सहयोगी भी मोदी के खिलाफ उतरे

नई दिल्ली
एक तरफ जहां पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे है वहीं दूसरी तरफ उसी रफ्तार से डॉलर की तुलना में रूपया गिरता जा रहा है। सोमवार को रुपया पहली बार 71.21 रुपए के करीब पहुंच गया था। अब मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 71.27 के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंच गया है। उधर मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार दसवें दिन बढ़ोतरी हुई। देशभर में मुंबई ऐसा शहर है जहां पेट्रोल और डीजल की कीमतें सबसे ज्यादा हैं। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 86.72 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 75.74 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई है। इससे आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ गया है। आम लोगों की ये चिंता अब मोदी सरकार के लिए भारी पड़ सकती हैं। पट्रोल-डीजल पर विपक्ष के साथ-साथ अब एनडीए के सहयोगी भी मोदी सरकार पर सवाल उठा रहे है। कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल को तत्काल जीएसटी के दायरे में लाने की मांग उठायी है। जबकि जदयू, एलजेपी सहित सहयोगी पार्टियों भी सरकार के रवैये से नाराज है। ऐसे में मंहगाई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को प्रभावित कर सकती है।
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए: कांग्रेस
बढ़ती मंहगाई पर पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि केंद्र और राज्यों को एक साथ मिलकर पेट्रोल और डीजल को जल्द वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने का काम करना चाहिए। चिदंबरम ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार इजाफा करना जरूरी नहीं है, क्योंकि कीमतों में वृद्धि बहुत ज्यादा टैक्स होने के कारण हो रही है। अगर टैक्स में कटौती की जाए जो कीमतों में भारी कमी आ जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पेट्रोल और डीजल को तत्काल जीएसटी के दायरे में लाने की मांग करती है। केंद्र की ओर से राज्यों पर दोषारोपण करना बनावटी तर्क है। भाजपा अपनी डींग मारने वाली बातें भूल गई क्योंकि भाजपा 19 राज्यों में सत्ता में है। केंद्र और राज्य को मिलकर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का काम करना चाहिए।
तेल की बढ़ी कीमतें जनता के साथ लूट: माकपा
उधर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने तेल के बढ़ते दामों को सरकार द्वारा जनता के साथ खुली लूट बताया है। हमारे पड़ोसी देशों के मुकाबले हमारे देश में तेल की कीमतें लगभग 10 प्रति लीटर ज्यादा हैं। सरकार अपनी आमदनी बढ़ा रही है और चंद निजी कंपनियों को फायदा दिला रही है। यह हमला पूरी आवाम के ऊपर हो रहा है। मोदी सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए येचुरी ने कहा कि यह सरकार झूठ पर टिकी है। केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को हो रही कमाई की दलील पर येचुरी ने कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल के दाम में 36 से 40 का टैक्स लेती है। यह सरासर झूठ है कि राज्य सरकारों की वजह से यह दाम बढ़ रहे हैं। यदि केरल की वामपंथी सरकार 1 प्रति लीटर तेल की कीमतें कम कर सकती है तो भाजपा शासित 21 राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम क्यों नहीं हो रही हैं?
एनडीए सहयोगियों ने भी बोला मोदी सरकार हमला
पेट्रोल-डीजल के मुद्दे पर भाजपा के सहयोगियों ने भी मोदी सरकार पर सवाल उठाए है। जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल से 10 लाख करोड़ तक का टैक्स वसूलती है। उसमें से कुछ कटौती की जा सकती है। पेट्रोल-डीजल का दाम चुनावी मुद्दा बने इससे पहले ही इसका समाधान निकलना चाहिए। जेडीयू के अन्य नेता अजय आलोक ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम अब चुभने लगे हैं, रुपया गिर रहा है। ये सब जीडीपी के दावों की हवा निकाल रहे हैं, प्रधानमंत्री को जल्द से जल्द कोई एक्शन लेना चाहिए। एनडीए की सहयोगी पार्टी एलजेपी के नेता चिराग पासवान ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दाम चिंता का विषय हैं। हम जल्द ही इस मसले को सरकार के सामने उठाएंगे। सहयोगी पार्टियों के अलावा भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर तंज तो कसा ही साथ ही विपक्ष को भी आड़े हाथों ले लिया। उन्होंने लिखा कि पेट्रोल-डीजल के दाम जिस तरह बढ़ रहे हैं, अब तक तो विपक्ष को सड़कों पर उतर कर विरोध जताना चाहिए था।