Bhopal News : विभा पटेल बोलीं – अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा उगाही करना, चुनावी प्रोपेगंडा

Bhopal News : पूर्व महापौर विभा पटेल ने कहा कि CM शिवराज सिंह ने अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की जो घोषणा की है, यह घोषणा रहवासियों से उगाही करना और जनता को लॉलीपॉप देने का चुनावी प्रोपेगंडा है।

Bhopal News : उज्ज्वल प्रदेश, भोपाल. मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष एवं भोपाल की पूर्व महापौर विभा पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते गुरुवार को अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की जो घोषणा की है, उनकी यह घोषणा महज रहवासियों से उगाही करना और प्रदेश की जनता को लॉलीपॉप देने का चुनावी प्रोपेगंडा है।

उन्हांेने कहा कि यह पहला अवसर नहीं है कि जब CM शिवराज सिंह ने इस तरह की झूठी घोषणा की हो, इससे पूर्व ऐसी कई चुनावी घोषणाएं कर वे जनता को गुमराह करते आ रहे हैं। खासतौर पर जब प्रदेश में चुनावी वर्ष होता है तब भाजपा की छल-प्रपंच की गति में बढ़ोत्तरी हो जाती है।

नगरीय निकाय चुनाव के पहले भी शिवराज सिंह की सरकार ने सारी अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए अध्यादेश लाने की बात कही थी, लेकिन हुआ क्या? पूरे प्रदेश में अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण करने का राजनीतिक लॉलीपाप भाजपा सरकार पिछले 18 वर्ष से लगातार दे रही है, लेकिन धरातल पर जनता को सुविधाएं देने के बजाय उन्हें परेशान किया जाता है।

पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि चाहे विधानसभा चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव हो, चुनाव नजदीक आते ही भाजपा सरकार द्वारा अवैध कालोनियों के नियमितीकरण का राग अलापना शुरू हो जाता है और इसके साथ शुरू होती है उगाही, भूमाफिया द्वारा वसूली कर आम नागरिकों को छला जाता है।

विभा पटेल ने कहा कि अनेकों अवसरों पर नियमितीकरण की बात मुख्यमंत्रीजी कहते हैं, लेकिन सब के सब दूर के ढोल प्रतीत हुये हैं और इस बार भी उनकी घोषणा कागजी साबित होगी। क्योंकि अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए न तो नियमों में जरुरी संशोधन किया गया और न ही कॉलोनी एक्ट में परिवर्तन करने के लिए कोई ठोस प्रक्रिया अपनायी गई।

पटेल ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि प्रदेश की 6876 अवैध कॉलोनियों से वसूली के नाम पर भाजपा सरकार ने ये घोषणा की है। अकेले भोपाल में लगभग 300 अवैध कॉलोनियां है, यहां के नागरिक बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान है, कई बार गुहार लगाने के बाद भी उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार चुनावी फंड एकत्र करने के बहाने अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की बात कर रही है।

पटेल ने कहा कि मैंने अपने महापौर कार्यकाल में विकास शुल्क लेकर कॉलोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन भाजपा की सरकार बनने पर ये काम तत्कालीन सरकार के इशारे पर रोक दिया गया, नतीजन भोपाल में ये मामला आज भी अटका हुआ है। ऐसी ही स्थिति प्रदेश के अन्य शहरों की है।

उन्होंने कहा कि सरकार अगर सही मायने में संवेदनशील है तो गरीब, कमजोर, वंचित तबके को राहत देने के लिए उससे विकास शुल्क लिए बगैर उसके प्लॉट को वैध घोषित करें। ताकि बेलगाम मंहगाई के दौर में इन वर्गों पर आर्थिक बोझ न पड़े। लेकिन संदेह है कि सरकार गरीबों को विकास शुल्क के बंधन से मुक्त नहीं करेगी।

विभा पटेल ने कहा कि प्रयास ये होने चाहिए कि शहरी विकास में संतुलन बना रहे, शहर का सुनियोजित, व्यवस्थित विकास हो और यह काम विकास योजना से ही संभव हो सकता है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि भोपाल समेत कई शहरों का नया मास्टर प्लान भू-माफिया या बिल्डर माफिया के दबाव में घोषित नहीं किया गया।

इसका असर शहरी विकास पर पड़ रहा है। लेकिन शहरी विकास से ज्यादा चिंता सरकार को वोट बैंक की है। वोट की राजनीति की खातिर वो शहरी संरचना के साथ खिलवाड़ होते हुए देख रही है, परंतु विकास के लिए कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रही।

पटेल ने कहा कि अवैध कॉलोनियों को नियमितिकरण करने की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। कॉलोनियों को निश्चित समय अवधि में वैध किया जाये जिसके लिए ऑफ लाइन के साथ-साथ ऑन लाइन आवेदन करने की भी सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। साथ ही इन कॉलोनियों को वैध करने में पारदर्शिता अपनाई जानी चाहिए ताकि भविष्य में अवैध कॉलोनियों का निर्माण और ना हो सके।

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