Lok Sabha Election 2024: शिवराज के सांसद बनने के बाद क्या बुधनी से चुनाव लड़ेंगे कार्तिकेय? सुगबुगाहट तेज
Lok Sabha Election 2024: बुधनी से विधायक शिवराज सिंह चौहान की सीट जब खाली होगी तो ऐसे में उनके बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान को टिकट मिलेगा? ये सवाल क्यों उठ रहा है. आइए जानते हैं.
Lok Sabha Election 2024 | Budhni Vidhansabha Seat: उज्जवल प्रदेश, बुधनी. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जो प्रदेश भर में मामा और भैया के नाम से जाने जाते हैं. इस लोकसभा चुनाव मे वे विदिशा लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. विदिशा लोकसभा सीट (Budhni Vidhansabha Seat) को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. यही कारण है कि इस सीट पर शिवराज सिंह चौहान की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि बुधनी से विधायक शिवराज सिंह चौहान की सीट जब खाली होगी तो ऐसे में उनके बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान को टिकट मिलेगा? ये सवाल क्यों उठ रहा है. आइए जानते हैं.
मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की थी. जिसके पीछे शिवराज सिंह चौहान और उनकी महत्वकांक्षी लाड़ली बहना योजना को बहुत बड़ी वजह बताया गया. इस विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में थे. इस चुनाव में शिवराज सिंह चौहान करीब एक लाख वोटों की बंपर लीड से चुनाव जीते थे. जिसके बाद पार्टी ने उन्हें केंद्र ले जाने का मन बनाया और विदिशा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया.
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विदिशा से शिवराज की जीत तय? – Lok Sabha Election 2024
4 जून को देश भर में लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आएंगे. ऐसा माना जा रहा है कि विदिशा लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ है और वहां से इस बार शिवराज सिंह चौहान चुनावी मैदान में हैं. तो उनकी जीत तय मानी जा रही है. इसके पहले भी शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोकसभा सीट से 5 बार सांसद रह चुके हैं.
क्या बुधनी से उपचुनाव में उम्मीदवार होंगे कार्तिकेय? – Budhni Vidhansabha Seat
विदिशा लोकसभा सीट से शिवराज सिंह चौहान जीत दर्ज करते हैं और विधायक पद से इस्तीफा देते हैं तो बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा. इस सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर अभी से राजनीतिक सुगबुगाहट तेज हो गई है. इस सीट पर शिवराज सिंह के बेटे कार्तिकेय चौहान का नाम बड़ी तेजी से चल रहा है. सूत्रों की माने तो पार्टी आलाकमान बुधनी विधानसभा सीट से कार्तिकेय सिंह चौहान को चुनावी मैदान में उतार सकती है.
ऐसा इसलिए क्योंकि मध्य प्रदेश में कई बड़े नेताओं के बेटे राजनीति में लंबे समय से सक्रिय चल रहे हैं. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान भी शामिल हैं. ऐसा माना जा रहा है कि बुधनी उपचुनाव के जरिए कार्तिकेय की राजनीति में बड़ी ही आसानी के साथ एंट्री हो सकती है. कार्तिकेय लंबे समय से अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं. लगातार कार्यकर्ताओं से मेल मुलाकात कर रहे हैं.
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क्या बीजेपी बनाएगी नेता पुत्रों को अपना प्रत्याशी?
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सामने आएगा की बीजेपी उपचुनाव को लेकर क्या रणनीति बनाती है. हालांकि बीजेपी में परिवारवाद पर हमेशा सवाल खड़ा करने वाली बीजेपी क्या नेता पुत्रों को उपचुनाव में टिकट देती है या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन अगर बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होते हैं तो इस वक्त कार्तिकेय सिंह चौहान प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.
क्या रहा है शिवराज सिंह का राजनीतिक इतिहास
साल 1984-85 में भारतीय जनता युवा मोर्चा मध्यप्रदेश के संयुक्त सचिव,1985-88 में महासचिव एवं 1988-91 में इसके अध्यक्ष बने. पहली बार साल 1990 में विधानसभा से विधायक चुने जीते, हालांकि 23 नवंबर 1991 को सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया और साल 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा विदिशा संसदीय सीट छोड़ने पर शिवराज सिंह चौहान विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़े और जीते. साल 1991-92 में अखिल भारतीय केसरिया वाहिनी के संयोजक बने. 1992 से अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव, 1992-94 में महासचिव बने. 1992-96 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति, 1993-96 में श्रम और कल्याण संबंधी समिति, 1994-96 में हिन्दी सलाहकार समिति एवं 1995-96 में सभा की बैठकों से सदस्यों की अनुपस्थिति संबंधी समिति के सदस्य, 1996 में ग्यारहवीं लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए.
1996-97 में शहरी और ग्रामीण विकास संबंधी समिति एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य बने. 1997-98 में शहरी और ग्रामीण विकास संबंधी समिति के सदस्य और बीजेपी मध्य प्रदेश के महासचिव बने. 1998 में बारहवीं लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए. 1998.99 में प्राक्कलन समिति, शहरी और ग्रामीण विकास संबंधी समिति, ग्रामीण क्षेत्र और रोजगार मंत्रालय संबंधी इसकी उप समिति. दो एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य बने. 1999 में तेरहवीं लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए. 1999.2000 में कृषि संबंधी समिति, 1999-2000 और 2000-2001 में सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति एवं 2000 से संचार मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य बने. 2002 में बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव. 2003 में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बने. 2004 में चौदहवीं लोकसभा के सदस्य पांचवी बार निर्वाचित हुए. मई 2005 बीजेपी मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष बने.
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