पंचायत चुनाव: भाजपा का पार्टी समर्थित उम्मीदवार लड़ाने पर जोर

भोपाल
नगरीय निकाय चुनाव में टिकट के आधार पर होने वाले पार्षदों के निर्वाचन की तर्ज पर भाजपा पंचायत चुनाव में भी पार्टी समर्थित नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने पर जोर देगी। इसी को लेकर प्रदेश संगठन ने संभागीय बैठकों के लिए पैनल गठित कर टीमों को दो दिन में बैठक करने के लिए कहा है। इसमें जिला अध्यक्ष, जिला महामंत्री, मंडल अध्यक्ष के साथ पार्टी के स्थानीय वरिष्ठ नेताओं के रायशुमारी की जाकर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

गैर दलीय आधार पर होते हैं चुनाव
पंचायत चुनाव वैसे तो गैर दलीय आधार पर होते हैं पर भाजपा इसे दलीय रूप देने की कोशिश में है। इसी के चलते संगठन ने तय किया है कि टिकट दिए बगैर भी जो व्यक्ति चुनाव में दावेदारी करे वह भाजपा का सदस्य होना चाहिए। इससे निचले स्तर पर संगठन की मजबूती के साथ पार्टी नेताओं का एक कैडर विकसित होगा। सरपंच, जन अध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों पर इसी लिए ज्यादा फोकस किया जा रहा है। इसीलिए पंचायत चुनाव संचालन समिति के सदस्यों को जिला और संभाग स्तर पर बैठकें करने के लिए कहा गया है और 22 मई तक बैठक करने के बाद ये अपनी रिपोर्ट देंगे। इसमें शिवराज सरकार के मंत्री, प्रदेश संगठन के पदाधिकारी, पूर्व मंत्री व विधायक और सांसदों की भी ड्यूटी लगाई गई है।

21 तक बैठक करने के थे निर्देश
इसके पहले संगठन ने नगरीय निकाय चुनाव संचालन समिति की बैठक में सभी सदस्यों को दो से तीन जिलों की जिम्मेदारी सौंपकर 21 मई तक बैठक करने के लिए कहा था। निकाय चुनाव संचालन समिति में शामिल जिला प्रभारी निकाय चुनाव के एजेंडे, स्थानीय स्तर की रिपोर्ट और संगठनात्मक तैयारियों के बारे में एक दो दिनों में प्रदेश अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेंगे।

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