चिंतन शिविर से पहले पोस्टर विवाद, पायलट के होर्डिंग्स-पोस्टर हटवाने से गरमाई सियासत

उदयपुर
राजस्थान भाजपा के बाद अब कांग्रेस में पोस्टर विवाद हो गया है। उदयपुर में चिंतन शिविर में लगे सचिन पायलट के पोस्टरों को हटा दिया गया है। पायलट के होर्डिंग्स-पोस्टर हटाने को लेकर सियासत शुरू हो गई। सचिन के समर्थकों ने उनके स्वागत के लिए होटल-एयरपोर्ट के आसपास और उदयपुर के कई इलाकों में होर्डिंग्स लगवाए थे। समर्थकों का दावा है कि शहर के अलग-अलग इलाकों से बुधवार रात और गुरुवार सुबह पायलट के होर्डिंग्स-पोस्टर हटवा दिए गए। पोस्टर विवाद पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांग्रेस गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि शिविर से संबंधित सभी काम AICC देख रही है। मुझे इस संबंध कोई जानकारी नहीं है। न ही मैंने इस बारे में किसी भी तरह के निर्देश दिए हैं। उदयपुर कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि प्रशासन का पोस्टर लगाने-हटाने में कोई रोल नहीं है। जो भी है पार्टी स्तर पर है। इसके अलावा अन्य नेताओं के समर्थकों ने भी अपने फोटो के साथ चहेते नेता के पोस्टर शहर में लगाए थे। उनमें से भी कुछ पोस्टर हटाए गए हैं। पायलट समर्थकों ने बताया कि यह पोस्टर प्रशासन ने हटवाए हैं।
भाजपा में भी हुआ था पोस्टर विवाद
राजस्थान में पोस्टर विवाद नई बात नहीं है। कांग्रेस से पहले भाजपा में भी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के पोस्टर हटाने से सियासत गरमा गई थी। पार्टी मुख्यालय पर लगे पोस्टरों से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के चित्र हटा दिए गए थे। इस पर वसुंधरा समर्थकों ने नाराजगी जताई थी। वसुंधरा राजे को कहना पड़ा कि वह लोगों को दिल में रहती है। पोस्टरों में नहीं रहती है। राजस्थान भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की पुरानी अदावत रही है। भाजपा के बाद अब कांग्रेस में भी पोस्टर वार की राजनीति शुरू हो गई है।
इवेंट कंपनियां तैयारियों में जुटी
कांग्रेस के चिंतन शिविर की तैयारियों का जिम्मा इवेंट कंपनी को दिया गया है। नेताओं के खाने-पीने से लेकर उनके ठहरने तक की पूरी जिम्मेदारी इवेंट कंपनी ने संभाल रखी है। शिविर की सभी बैठकें होटल ताज अरावली में ही होंगी। एक दिन में कई सेशन होंगे। काॅमन बैठक के लिए बड़ा डोम तैयार किया गया है। इसकी क्षमता करीब 500 लोगों के बैठने की होगी। शिविर के दौरान देश के करीब 10 राज्यों से शैफ बुलाए गए है।