Raipur News: राजधानी से लेकर बस्तर के 4700 से अधिक स्कूल होंगे इंटरनेट के माध्यम से हाईटेक

राजधानी रायपुर हो या नक्सल प्रभावित बस्तर का शासकीय स्कूल, जल्द ही इन सभी स्कूलों में छात्रों को इंटरनेट के माध्यम से हाईटेक शिक्षा मिलने वाली है।

Raipur News in Hindi : उज्जवल प्रदेश, रायपुर. समग्र शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसकी तैयारी में जुट गई है और लगभग 4700 से ज्यादा स्कूलों को वाई-फाई की सुविधा मिलने जा रही है। जिन स्कूलों में हाईस्कूल और हायर सेकेंड्री की क्लास संचालित हो रही है, उन स्कूलों को प्राथमिकता के आधार पर वाई-फाई जोन बनाया जाएगा। इसके अलावा जिन स्कूलों में एक ही परिसर में प्रायमरी, मीडिल, हाईस्कूल और हायर सेकेंड्री स्कूल का संचालन हो रहा है, उन स्कूलों का भी चिन्हांकन कर लिया है है।

समग्र शिक्षा विभाग संचालक नरेंद्र दुग्गा ने बताया कि स्कूल परिसर में विद्यालय में वाई-फाई लगाने के साथ छात्रों की ईमेल आईडी भी तैयार किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस तकनीक से जुड?े के बाद छात्र-छात्राओं को आॅनलाइन पढ़ाई की अच्छी सुविधा मिल सकेगा और शिक्षा व्यवस्था में सुधार होने की उम्मीद है। वाईफाई लगाने के लिए प्रति स्कूल 10 हजार रुपए खर्च किया जाएगा। वाई फाई के माध्यम से स्कूल प्रबंधन छात्रों की जानकारी आॅनलाइन आसानी से अपलोड कर सकेंगे, जिससे छात्रों को जानकारियां समय से उपलब्ध होंगी। वाईफाई का पासवर्ड छात्र – छात्रों के पास भी होगा जिससे स्कूल में पढ़ाई के दौरान उनको अच्छी स्पीड भी मिलेगी। अधिकांश स्कूलों में वर्तमान में कंप्यूटर, प्रोजेक्टर और एलईडी स्क्रीन है। इंटरनेट सुविधा ना होने से अभी इनका सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। स्कूलों में इंटरनेट सुविधा बढ?े के बाद छात्रों को आधुनिक शिक्षा देने में स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

Sourabh Mathur

सौरभ माथुर एक अनुभवी न्यूज़ एडिटर हैं, जिनके पास 13 वर्षों का एडिटिंग अनुभव है। उन्होंने कई मीडिया हॉउस के संपादकीय टीमों के साथ काम किया है। सौरभ ने समाचार लेखन, संपादन और तथ्यात्मक विश्लेषण में विशेषज्ञता हासिल की, हमेशा सटीक और विश्वसनीय जानकारी पाठकों तक पहुंचाना उनका लक्ष्य रहा है। वह डिजिटल, प्रिंट और ब्रॉडकास्ट मीडिया में भी अच्छा अनुभव रखतें हैं और पत्रकारिता के बदलते रुझानों को समझते हुए अपने काम को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश करते रहतें हैं।

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