राजस्थान-आठ जिलों के 160 मिट्टी कामगारों को मिलेंगे विद्युत चाक, श्रीयादे माटी कला बोर्ड अध्यक्ष ने लॉटरी से किया चयन

जयपुर।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विजन को पूरा करने में श्रीयादे माटी कला बोर्ड पूरा शिद्दत से जुटा है। बजट घोषणा वर्ष 2024-2025 में प्रदेश भर के 1000 मिटी कामगारों को विद्युत चालित चाक व पगमिल (मिट्टी गूंथने की मशीन) आवंटन के लिए बोर्ड ने सोमवार को प्रदेश के आठ और जिलों के 160 मिट्टी कामगारों का लॉटरी के माध्यम से चयन किया।

उधोग भवन के सभागार में बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक ने सवाईमाधोपुर, भरतपुर, धौलपुर, दौसा, टोंक, बूंदी, कोटा व बारां जिलों से आए जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में इन जिलों की लॉटरी निकाली। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में 20-20 लोगों का चयन किया गया है। टाक ने बताया कि चयनित कामगारों को 10 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। टाक ने बताया कि पहले फेज में प्रदेश के 25 जिलों के 500 मिट्टी कामगारों का लॉटरी से चयन कर उन्हें प्रशिक्षण उपरांत विद्युत चालित चाक व पगमिल का वितरण किया जाएगा। अब तक कुल 9 जिलों के 180 मिट्टी कामगारों का चयन कर लिया गया है। शेष 16 जिलों के 320 मिट्टी कामगारों का चयन भी 20 जनवरी से पूर्व कर लिया जाएगा। टाक ने बताया कि 31 जनवरी-2025 से पहले समस्त 500 मिट्टी कामगारों को प्रशिक्षित करके उन्हें मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के विजन को साकार करते हुए स्वावलंबी बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर के समस्त जिलों से कुल 13 हजार लोगों ने आवेदन किया है। बजट वर्ष 2024-2025 में राज्य सरकार ने 1000 मिट्टी कामगारों का लाभांवित करने का लक्ष्य रखा है) जिसे चालू वितीय वर्ष में पूरा कर दिया जाएगा।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।

Related Articles

Back to top button