SC ने CG के राशन घोटाले में ED को याद दिलाए ‘FUNDAMENTAL RIGHT’

SC ने कहा कि यदि ईडी के अपने मूल अधिकार हैं तो फिर उसे जनता के भी मूल अधिकारों के बारे में सोचना चाहिए। बेंच ने यह भी कहा कि आर्टिकल 32 के तहत तभी अर्जी दाखिल हो सकती है, जब मूल अधिकारों का उल्लंघन हुआ हो।

SC: नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पास यदि मूल अधिकार हैं तो फिर ऐसे ही राइट्स तो आम जनता के भी हैं। सुप्रीम कोर्ट (SC) ने एक केस की सुनवाई करते हुए यह तीखी टिप्पणी की है। ईडी ने आर्टिकल 32 के तहत एक याचिका शीर्ष अदालत में दाखिल की थी और मांग की थी कि छत्तीसगढ़ (CG) के नागरिक आपूर्ति निगम में हुए राशन घोटाले (Ration Scam) की जांच को दिल्ली ट्रांसफर किया जाए।

इस पर सुनवाई के दौरान अदालत ने याद (Reminds) दिलाते हुए कहा कि यदि ईडी के अपने मूल अधिकार (FUNDAMENTAL RIGHTS) हैं तो फिर उसे जनता के भी मूल अधिकारों के बारे में सोचना चाहिए। बेंच ने यह भी कहा कि आर्टिकल 32 के तहत तभी अर्जी दाखिल हो सकती है, जब मूल अधिकारों का उल्लंघन हुआ हो। इसके साथ ही ईडी ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी अर्जी भी वापस ले ली है।

ई़डी की ओर से यह अर्जी पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और अन्य के खिलाफ चल रहे मामले में दाखिल की थी। अनिल टुटेजा और अन्य 2015 के एक मामले में आरोपी हैं, जिसमें नागरिक आपूर्ति निगम की ओर से चावल की खरीद और उसके वितरण में बड़े घोटाले का आरोप है।

ईडी का कहना है कि छत्तीसगढ़ का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम इस जांच को प्रभावित कर रहा है। गवाहों को धमकाया जा रहा है और जांचकर्ताओं पर भी राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश हो रही है। ईडी की मांग है कि इस केस को नई दिल्ली में पीएमएलए के तहत स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए। इसके अलावा इस मामले में नए सिरे से ट्रायल भी चलाया जाए।

एजेंसी ने कहा कि इस मामले की जांच में 2018 में सरकार बदलने के बाद काफी असर पड़ा था। टुटेजा तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल के काफी करीबी हो गए और उन्हें अग्रिम जमानत दे दी गई। इस तरह जांच को प्रभावित करने की कोशिश की गई। यही नहीं एजेंसी ने एसआईटी के सदस्यों और टुटेजा के बीच हुई वॉट्सऐप चैट्स का भी जिक्र किया। यही नहीं कॉल रिकॉर्ड का डेटा भी पेश किया है।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की अर्जी पर ही सवाल उठा दिए। अदालत ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि ईडी जैसी एजेंसी ने सरकार की एजेंसियों के खिलाफ ही अर्जी दाखिल की है। अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ईडी की ओर से पेश हुए थे और उन्होंने अर्जी को वापस लेने की बात कही।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और… More »

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