Sea Salt: अब पेट्रोल की टेंशन खत्म, नमक से चलेगा स्कूटर, जानें कीमत
Sea Salt: पेट्रोल और लिथियम-आयरन बैटरी से चलने वाले स्कूटर हुए पुराने अब जल्द ही समुद्री नमक (Sea Salt) से चलने वाली इलेक्ट्रिक स्कूटर्स सड़कों पर नजर आएगी।

Sea Salt: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली. पेट्रोल और लिथियम-आयरन बैटरी से चलने वाले स्कूटर हुए पुराने अब जल्द ही समुद्री नमक (Sea Salt) से चलने वाली इलेक्ट्रिक स्कूटर्स सड़कों पर नजर आएगी। बता दें कि इस तकनीक से न केवल पर्यावरण के लिहाज से फायदेमंद है, बल्कि इसकी लागत भी पारंपरिक स्कूटर्स की तुलना में काफी कम है।
Sea Salt बैटरी वाली तकनीक क्या है?
जानकारी के अनुसार इन स्कूटर्स में सोडियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल किया है, जो सी-सॉल्ट (Sea Salt) यानी समुद्री नमक से प्राप्त सोडियम से बनाई जाती है। यह बैटरी लिथियम-आयन या लेड-एसिड बैटरियों का सस्ता और किफायती विकल्प है, जो तेजी से चार्ज होती है और अच्छी परफॉर्मेंस देती है।
चीन के हांग्जो में हुई लाइव टेस्ट ड्राइव
जानकारी के अनुसार चीन के हांग्जो शहर में एक शॉपिंग मॉल के सामने समुद्री नमक (Sea Salt) से चलने वाले इन स्कूटर्स की लाइव टेस्ट ड्राइव का आयोजन किया गया। इसके लिए विशेष चार्जिंग स्टेशन लगाए गए, जिनमें बैटरी को सिर्फ 15 मिनट में 0 से 80% तक चार्ज किया जा सकता है।
Sea Salt बैटरी वाली स्कूटर्स की कीमत और उपलब्धता
इन स्कूटर्स की कीमत लगभग $400 से $660 (यानी करीब ₹35,000 से ₹51,000) के बीच रखी गई है, जिससे यह आम लोगों के लिए भी सुलभ विकल्प बनते हैं। याडिया (Yadea) कंपनी ने इस तकनीक पर आधारित तीन अलग-अलग मॉडल्स बाजार में पेश किए हैं।
कैसे चलती है सॉल्ट आयन बैटरी से गाड़ी?
पारंपरिक इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में आमतौर पर लिथियम-आयन या लेड-एसिड बैटरियों का उपयोग होता है, लेकिन नई तकनीक वाले स्कूटरों में सोडियम आयन बैटरी लगाई जा रही है, जिसे समुद्री नमक (सी-सॉल्ट) से तैयार किया जाता है। यह बैटरी तकनीक लिथियम के मुकाबले न केवल अधिक सुलभ है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित मानी जाती है।
सोडियम बैटरियों की लागत लिथियम बैटरियों से कम होती है और ये बहुत तेजी से चार्ज हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, इन्हें केवल 15 मिनट में 0 से 80 प्रतिशत तक चार्ज किया जा सकता है। इस नई तकनीक के कारण स्कूटर्स की कीमत भी काफी कम है, जो चीन में 35,000 से 51,000 रुपये (लगभग 400 से 660 अमेरिकी डॉलर) के बीच बेचे जा रहे हैं।
जानें कहां हुआ लाइव प्रदर्शन?
इन नमक से चलने वाले स्कूटरों का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन चीन के हांग्जो शहर में एक शॉपिंग मॉल के बाहर किया गया। इस मौके पर खासतौर से डिजाइन किए गए चार्जिंग स्टेशन भी लगाए गए, जहां इन स्कूटर्स की बैटरी को सिर्फ 15 मिनट में 80% तक चार्ज किया गया। यह लाइव डेमो इस बात का प्रमाण था कि सोडियम बैटरी तकनीक न केवल व्यवहारिक है, बल्कि सामान्य उपयोग में भी पूरी तरह सक्षम है।
सस्ता और स्मार्ट विकल्प
आज के समय में जब दुनियाभर में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है, लिथियम की सीमित उपलब्धता और ऊंची लागत एक बड़ी चिंता बन चुकी है। इसके अलावा, लिथियम खनन से पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। इसके उलट, सोडियम एक सस्ता, व्यापक रूप से उपलब्ध और पर्यावरण-सुलभ विकल्प है, जिससे यह तकनीक अधिक टिकाऊ (Sustainable) बन जाती है।
नमक से चलने वाले स्कूटर भारत में कब आएंगे ?
फिलहाल भारत में सोडियम बैटरी पर रिसर्च इनिशियल स्टेज में है। हालांकि, सरकार और निजी कंपनियां जैसे Ola, Ather और Hero Electric अब वैकल्पिक बैटरी तकनीकों की ओर गंभीरता से ध्यान दे रही हैं। जैसे ही यह तकनीक भारत में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होती है, इसके कई बड़े फायदे हो सकते हैं।
सस्टेनेबिलिटी की दिशा में बड़ा कदम
समुद्री नमक से बनी ये बैटरियां सिर्फ सस्ती ही नहीं, बल्कि इको-फ्रेंडली भी हैं। सोडियम एक ऐसा तत्व है जो पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों की निर्भरता कम होती है। यह तकनीक आने वाले समय में ईवी उद्योग की दिशा बदल सकती है।
ऐसे स्कूटर क्या भारत में भी आएंगे ?
जहां चीन इस तकनीक को बड़े पैमाने पर अपना रहा है, वहीं भारत के लिए भी यह एक बड़ी प्रेरणा हो सकती है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में भारत में भी नमक से चलने वाले स्कूटर्स की एंट्री हो सकती है।