Sim Swap Scam: आपका मोबाइल नंबर स्कैमर्स के कब्जे में! ऐसे बचें इस खतरनाक ठगी से”
Sim Swap Scam साइबर अपराधियों का नया हथियार बन गया है, जिससे वे आपका मोबाइल नंबर अपने सिम पर एक्टिव कर धोखाधड़ी कर सकते हैं। स्कैमर्स फिशिंग ईमेल, मालवेयर और सोशल मीडिया के जरिए आपकी जानकारी जुटाते हैं। जानिए यह स्कैम कैसे काम करता है और इससे बचने के प्रभावी तरीके।

Sim Swap Scam : उज्जवल प्रदेश डेस्क. आज के डिजिटल युग में साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने के लिए सक्रिय हैं। Sim Swap Scam भी उन्हीं में से एक खतरनाक तकनीक बन चुका है। इसमें ठग आपके मोबाइल नंबर को अपने सिम कार्ड पर एक्टिव कर लेते हैं और बैंकिंग व अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों तक पहुंच बना लेते हैं। अगर आपको अचानक अपने नंबर से कॉल और SMS मिलना बंद हो जाए, तो सावधान हो जाएं! यह स्कैम आपकी मेहनत की कमाई को मिनटों में उड़ा सकता है। आइए जानते हैं कि यह स्कैम कैसे होता है और इससे कैसे बचा जाए।
डिजिटल दौर में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इनमें से एक बेहद खतरनाक तरीका है Sim Swap Scam जिसमें ठग किसी का मोबाइल नंबर अपने सिम कार्ड पर एक्टिव करवा लेते हैं और फिर बैंकिंग फ्रॉड सहित कई अन्य धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं। यह स्कैम आपके बैंक खाते से पैसे उड़ाने के साथ-साथ निजी डेटा तक पहुंच बनाने का एक बड़ा जरिया बन सकता है। अगर आपको अचानक अपने फोन नंबर से कॉल और मैसेज मिलने बंद हो जाएं, तो यह संकेत हो सकता है कि आप इस स्कैम का शिकार हो रहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह स्कैम कैसे काम करता है और इससे बचने के लिए आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
कैसे काम करता है Sim Swap Scam?
इस स्कैम को अंजाम देने के लिए ठग पहले किसी भी व्यक्ति की निजी जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं। इसके लिए वे फिशिंग ईमेल, मालवेयर, सोशल मीडिया प्रोफाइल, कॉल रिकॉर्ड और अन्य ऑनलाइन डेटा का उपयोग करते हैं। एक बार जब उन्हें पीड़ित की पूरी जानकारी मिल जाती है, तो वे टेलीकॉम कंपनी से संपर्क करते हैं और झूठी पहचान देकर नया सिम कार्ड जारी करवाने की कोशिश करते हैं।
ठग कस्टमर केयर से संपर्क कर दावा करते हैं कि उनका सिम खो गया है या काम नहीं कर रहा है और वे नया सिम चाहते हैं। इसके बाद, टेलीकॉम कंपनी कुछ वेरिफिकेशन सवाल पूछती है, जिनका सही जवाब स्कैमर्स पहले से जुटाई गई जानकारी के आधार पर देते हैं। जैसे ही नया सिम एक्टिवेट हो जाता है, वास्तविक यूजर का सिम निष्क्रिय हो जाता है, और स्कैमर्स को नंबर पर आने वाले OTP, बैंक अलर्ट, पर्सनल मैसेज और कॉल्स मिलने लगते हैं। इसके बाद वे बैंकिंग ट्रांजैक्शन या अन्य ऑनलाइन धोखाधड़ी कर सकते हैं।
ठग आपकी जानकारी कैसे हासिल करते हैं?
साइबर ठगों के पास किसी व्यक्ति की जानकारी जुटाने के कई तरीके होते हैं…
- फिशिंग ईमेल: वे नकली बैंक या कंपनी बनकर लोगों को ईमेल भेजते हैं और उनसे उनके बैंकिंग डिटेल्स या पर्सनल जानकारी भरने को कहते हैं।
- सोशल मीडिया प्रोफाइल: कई लोग अपने जन्मतिथि, मोबाइल नंबर और अन्य डिटेल्स अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डालते हैं, जिसे स्कैमर्स आसानी से एक्सेस कर सकते हैं।
- मालवेयर: कई बार लोग किसी संदिग्ध लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक कर देते हैं, जिससे उनके फोन या कंप्यूटर में मालवेयर आ जाता है और उनका डेटा चोरी हो जाता है।
- कस्टमर केयर फ्रॉड: स्कैमर्स खुद को बैंक अधिकारी या टेलीकॉम कंपनी का प्रतिनिधि बताकर फोन कॉल के जरिए जानकारी लेते हैं।
Sim Swap Scam से बचने के उपाय
इस स्कैम से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है:
- फिशिंग ईमेल और संदिग्ध लिंक से बचें: किसी अनजान ईमेल, लिंक या मैसेज पर क्लिक न करें और न ही अपनी कोई निजी जानकारी साझा करें।
- OTP और पर्सनल डिटेल्स शेयर न करें: बैंक, टेलीकॉम कंपनी या कोई अन्य संस्थान कभी भी फोन पर OTP नहीं मांगता. यदि कोई आपसे ऐसी जानकारी मांगता है, तो समझ लें कि यह फ्रॉड हो सकता है।
- बैंक और टेलीकॉम कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट का ही उपयोग करें: हमेशा बैंकिंग या सिम से जुड़ी सेवाओं के लिए उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और गूगल पर सर्च कर किसी संदिग्ध लिंक से बचें।
- मजबूत पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें: अपने बैंकिंग और सोशल मीडिया अकाउंट्स के लिए मजबूत पासवर्ड रखें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को सक्रिय करें।
- अगर फोन नेटवर्क अचानक बंद हो जाए तो तुरंत अलर्ट हों: अगर अचानक आपके फोन पर सिग्नल आना बंद हो जाए और फोन कॉल या मैसेज रिसीव न हो, तो तुरंत अपनी टेलीकॉम कंपनी से संपर्क करें।
- बैंकिंग ट्रांजैक्शन और अकाउंट एक्टिविटी की निगरानी करें: अपने बैंक स्टेटमेंट को नियमित रूप से चेक करें और किसी भी अनजान ट्रांजैक्शन की सूचना तुरंत बैंक को दें।
- साइबर अपराध रिपोर्ट करें: अगर आप किसी फ्रॉड का शिकार होते हैं, तो तुरंत साइबर क्राइम सेल या हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें और ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराएं।