किन्नरों को भगवान राम से मिला था ये आशीर्वाद

कहते हैं किन्नरों की दुआओं में बहुत ताकत होती है इनके आशीर्वाद से हमारे जीवन के बड़े से बड़े कष्ट दूर हो जाते हैं। घर में कोई भी मंगल कार्य हो इनका आना शुभ माना जाता है।
इन्हीं किन्नरों से जुड़ी कुछ ऐसी दिलचस्प बातें हैं जिन्हें जानकार आप बेहद हैरान रह जाएंगे। इनसे जुड़ी कई बातें सुनने को तो ज़रूर मिलती है लेकिन उनके पीछे की वजह लोगों को पता नहीं होती। तो आइए जानते हैं किन्नरों के बारे में चौंकाने वाले कुछ रहस्य।
विवाह करते हैं किन्नर
आम लोगों की तरह किन्नर भी विवाह करते हैं लेकिन इनका वैवाहिक जीवन केवल एक दिन का होता है क्योंकि अगले दिन इनके पति की मृत्य हो जाती है। दरअसल किन्नर अपने अराध्य देव अरावन से विवाह करते हैं और ऐसी मान्यता है कि विवाह के ठीक अगले दिन अरावन देवता की मौत हो जाती है। इतना ही नहीं किन्नर समाज में जब भी किसी नए सदस्य का आगमन होता है तो ये उसे उत्सव की तरह मनाते हैं जिसमें नाच गाना खाना पीना सब होता है।
श्री राम से मिला था आशीर्वाद
कहते हैं जब प्रभु श्री राम चौदह वर्षों का वनवास काटने जा रहे थे तब पूरी प्रजा के साथ साथ किन्नर समाज भी उनके पीछे जा रहा था। तब श्री राम ने सभी को वापस लौटने का आदेश दिया और खुद वनवास के लिए चले गए किन्तु जब वे वापस लौटकर आए तो उन्होंने देखा कि सभी किन्नर उनका उसी स्थान पर इंतज़ार कर रहे थे। दरअसल वे लौटकर वापस गए ही नहीं थे बल्कि पूरे चौदह सालों तक वहीं पर भगवान की वापसी की प्रतीक्षा कर रहे थे। तब किन्नरों से प्रसन्न होकर श्री राम ने उन्हें वरदान दिया था कि उनका आशीर्वाद कभी खाली नहीं जाएगा।
सुहाग की सामग्री दान करना होता है शुभ
अगर आपके वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ रही है तो उसे दूर करने के लिए आप किसी किन्नर को बुधवार के दिन श्रृंगार का पूरा सामान दान करें। इनके आशीर्वाद से आपकी समस्या ज़रूर दूर होगी।
इन चीज़ों का दान भूलकर भी न करें
कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिनका दान भूलकर भी किन्नरों को नहीं करना चाहिए जैसे स्टील का बर्तन, पुराने कपड़े, तेल और प्लास्टिक से बनी वस्तुएंं। ऐसा करने से घर की सुख और शांति भंग होती है। साथ ही घर के लोग तरह तरह के रोग से पीड़ित रहते हैं।
आधी रात को होता है अंतिम संस्कार
जब भी किसी किन्नर की मृत्यु होती है तो उसका अंतिम संस्कार आधी रात को अंधेरे में किया जाता है ताकि कोई उसे देख न ले। ऐसी मान्यता है कि मृत किन्नर को देख लेने से वह अगले जन्म में भी किन्नर ही पैदा होता है। इतना ही नहीं किन्नरों को जलाया नहीं बल्कि दफनाया जाता है और दफ़नाने से पहले इन्हें चप्पलों से मारा जाता है। कहते हैं ऐसा करने से उनके इस जन्म के पाप मिट जाते हैं।
किन्नरों के गुरु
किन्नरों के गुरु भी पैदाइश किन्नर ही होते हैं। कहते हैं कि इन्हें पहले ही इस बात का पता चल जाता है कि इनके किस शिष्य की मृत्यु कब होगी। इतना ही नहीं कुम्भ के मेले में भी किन्नर समुदाय सम्मिलित होता है।