किस्मत नहीं दे रही साथ, कुछ दिन आजमाकर देखिए इन्हें

दुनिया में सफलता पाने के लिए मेहनत के साथ किस्मत भी बहुत जरूरी है। अगर आप मेहनत कर रहे हैं लेकिन बार-बार असफलता मिल रही है या पूरी सफलता नहीं मिल पा रही है तो आपको देखना चाहिए कि कहीं आपका भाग्येश तो कमजोर नहीं हो रहा है। (ज्योतिषशास्त्र में भाग्येश उसे कहा जाता है जो भाग्य स्थान यानी नौवें भाव में मौजूद राशि का स्वामी ग्रह होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में नौवें घर में मिथुन या कन्या राशि है तो उसका भाग्येश बुध होगा।) आपको कुछ दिन भाग्य को मजबूत बनाने वाले उपाय करके देखना चाहिए।
यदि बुध की स्थिति न हो लाभकारी
यदि बुध भाग्येश होकर आपको अच्छा फल नहीं दे पा रहा हो तब प्रतिदिन गणेशजी की पूजा करनी चाहिए। गाय को हरे रंग का चारा खिलाएं और तांबे का कड़ा धारण करें।
यदि शुक्र भाग्येश होकर शुभ फल न दे रहे
नवम भाव में तुला या वृष राशि हैं तो भाग्येश शुक्र होगा। शुक्र भाग्येश होकर शुभ फल न दे रहे हैं तो लक्ष्मी माता की उपासना से लाभ मिल सकता है। प्रतिदिन देवी लक्ष्मी की आरती करें और उन्हें मखाने या चावल की खीर का भोग लगाना चाहिए। स्फटिक की माला से प्रतिदिन ”ओम द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का जप करना भी लाभप्रद होगा।
यदि चंद्रमा अशुभ हो तो
यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा शुभ नहीं है तो आप शिवजी का पूजन करें। ”ओम श्रां: श्रीं: श्रौं: स: चंद्रमसे नम:” मंत्र का जप करें। चांदी के गिलास में पानी पीने से भी लाभ मिल सकता है, ऐसा लाल किताब में बताया गया है।
गुरु अशुभ स्थिति में हो तब
गुरु की अशुभ स्थिति के कारण यदि आपको भाग्य का साथ नहीं मिल रहा हो तो आपको भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। प्रतिदिन विष्णुजी की पूजा करें, और केसर या हल्दी का तिलक लगाएं।
यदि मंगल कर रहे हैं आपका अमंगल
मंगल के अशुभ प्रभावों के कारण लगातार दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो आप मंगलवार को हनुमानजी की पूजा करें। सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ भी आपके लिए लाभप्रद रहेगा।
यदि शनि के कारण मिल रहे हो अशुभ फल
यदि आपको शनि की अशुभ स्थिति के चलते विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है तो काले और नीले कपड़े, जितना संभव हो न पहनें। शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे दीया जलाएं और शनिवार को हनुमानजी की पूजा करें।