कुंडली से जानिए कितनी होगी आपकी आयु

इस संसार में आनेवाल हर व्यक्ति अपने साथ एक निश्चित आयु लेकर आता है। किसी की आयु कम होती है तो किसी की ज्यादा। ज्योतिषशास्त्र में हम कुंडली से भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में अच्छे से जान सकते हैं, साथ ही किस व्यक्ति की कितनी आयु होगी, उसका भी अंदाजा लगाया जा सकता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली में आठवां घर आयु, जीवन और मृत्यु के संबंध में जानकारी देता है। कहने का अर्थ यह है कि व्यक्ति का जीवन काल कितना है यह बात आप भी कुंडली के भाव देखकर अच्छे से जान सकते हैं…
कुंडली में हों राहु और केतु
जिनकी कुंडली में लग्नेश और अष्टमेश दोनों एक साथ छठवें स्थान में शनि, राहु और केतु के साथ हों तो उनकी दशा-अंतर्दशा में शस्त्र या चोर घात से मृत्यु होती है। ऐसा ज्योतिष शास्त्र कहते हैं। कुंडली का राहु तीसरे, छठे या ग्यारहवें भाव में बैठा हो तो वह व्यक्ति को दीर्घायु बनाता है।
ऐसे लोगों का अंत नजदीक
जिनकी कुंडली के आठवें घर में सूर्य होता है, ऐसे लोगों की मृत्यु अग्नि, बुखार, मूत्र संबंधी परेशानी से होने की आशंका बनी रहती है। साथ ही ऐसे इंसान के अंत कितना नजदीक है उसका भी पता नहीं चलता है।
ऐसे व्यक्ति वाहन संभालकर चलाएं
कुंडली में छठवें स्थान में चतुर्थेश शनि के साथ हो तो ऐसे लोगों की मृत्यु वाहन दुर्घटना से होने की आशंका रहती है। ऐसे व्यक्तियों को संभलकर चलना होता है। जीवन-मरण ईश्वर के हाथ में है, कुंडली के भाव केवल अंदेशा दे सकते है।
स्त्री के लिए नहीं है सही
कुंडली के आठवें भाव में यदि कोई ग्रह ना हो तो उत्तम है। अगर शुभ ग्रह हों तो अच्छा है लेकिन अशुभ ग्रह आठवें स्थान में होने से आयु काटते हैं। वहीं स्त्री के आठवें भाव में पाप ग्रह वैधव्य कारक होता है।
मंगल की चाल देती है संकेत
ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को दुर्घटना कारक माना जाता है। अगर आठवें घर में मंगल है तो व्यक्ति की मृत्यु आग, दुर्घटना, घाव, चिकित्सा, वाहन दुर्घटना, जादू-टोना आदि से होने की आशंका बनी रहती है। माना जाता है कि जब व्यक्ति को भ्रम हर जगह दिखाई दे तो उसका अर्थ है कि उसकी मौत निकट है।
गुरु की चाल के जब होते आप शिकार
जिनकी कुंडली में गुरु आठवें घर में है तो ऐसे व्यक्ति की मृत्यु ह्दय रोग, किडनी, दुर्बलता से होने की आशंका बनी रहती है। वहीं बुध के होने से नसों में कमजोरी, अपच, लकवा से मृत्यु का अंदेशा होता है।