भाजपा ने जातीय जनगणना का कभी विरोध नहीं किया, मांझी ने किया स्वागत: सुशील कुमार
पटना
जातीय जनगणना को लेकर भाजपा नेताओं की तरफ से अभी तक जदयू और राजद से अलग सुर ही सुनाई देते रहे हैं। लेकिन मंगलवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने साफ किया कि भाजपा ने कभी जातीय जनगणना का विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इसे कराना संभव नहीं है। राज्य सरकार चाहे तो वह स्वतंत्र है। मोदी के बयान का सूबे के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने स्वागत किया है।
मोदी ने कहा कि भाजपा ने कभी जातीय गणना का विरोध नहीं किया है। बिहार विधानसभा, विधान परिषद, ओड़िसा विधान सभा के सर्वसम्मत प्रस्ताव में साथ थी। ट्विटर पर वीडियो जारी कर सुशील मोदी ने कहा कि दुष्प्रचार किया जा रहा है कि भाजपा जातीय जनगणना के विरोध में है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में बिहार विधानसभा और विधान परिषद से दो-दो बार सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हुआ था। इन दोनों प्रस्तावों के पास होने के समय भाजपा भी शामिल थी।
मोदी ने कहा कि अगर हम जातीय जनगणना के विरोध में होते तो शामिल ही क्यों होते? उन्होंने कहा कि ओडिशा विधानसभा में भी इसको लेकर प्रस्ताव पास किया गया जिसमें भाजपा साथ थी। उन्होंने याद दिलाया कि जातीय जनगणना को लेकर जब सभी पार्टी के वरिष्ठ नेता पीएम नरेन्द्र मोदी से मिलने गए थे तो हमने अपनी सरकार के वरिष्ठ मंत्री जनकराम को शामिल किया।
सुशील मोदी ने कहा कि अगर हम विरोध में ही होते तो भाजपा की तरफ से किसी को क्यों भेजते। सुशील मोदी ने कई राज्यों का हवाला देते हुआ कहा कि बीजेपी ने कभी जातिगत जनगणना का विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस संबंध में दुष्प्रचार कर रहे हैं। केंद्र सरकार के लिए जातीय जनगणना कराना संभव नहीं है। राज्य सरकार इसके लिए स्वतंत्र है।
इससे पहले बिहार में जातीय जनगणना नहीं कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी मुखर रही है। समय-समय पर बीजेपी के नेता राज्य में जातीय जनगणना की जरूरत नहीं होने की बात करते रहे हैं। जबकि राजग के घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) बिहार के पिछड़ा होने की बात कहते हुए जातीय जनगणना पर विपक्ष के साथ है। हाल ही में इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मुलाकात भी हुई थी। रविवार को नीतीश ने कहा था कि जातिगत जनगणना को लेकर जल्द ही सर्वदलीय बैठक कर निर्णय ले लिया जाएगा।