देश में पहली बार सिंगल पोर्ट से लीवर हाइडेटिड सिस्ट की सर्जरी

रायपुर
गेस्ट्रो एवं लीवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. पुष्पेन्द्र नायक ने एक नई तकनीक का प्रयोग करते हुए लीवर हाईडेटिड सिस्ट का देश में पहला सफल ऑपरेशन किया है। करीब 5 घंटे चले सर्जरी में प्रयुक्त इस तकनीक की खास बात यह है कि इसका खर्च समाज का गरीब तबका भी आसानी से उठा सकता हैं और विदेशी कंपनियों से ऑपरेशन के लिए जरूरी उपकरण मंगाने के भारी खर्च (करीब 7 से 8 लाख रूपए) से भी बचा जा सकता है।
डॉ. पुष्पेन्द्र नायक ने बताया कि सरगुजा के उदयपुर स्थित ग्राम डूमाडी की 58 वर्षीय महिला पिछले दो साल से पेट दर्द से परेशान थी। अलग-अलग जगहों पर इलाज होने के बाद भी इसका निदान नहीं हो पा रहा था।
एक माह पूर्व अंबिकापुर विजिट के दौरान परिजनों ने डॉ. नायक से संपर्क किया। तत्पश्चात मरीज का इलाज रायपुर स्थित एक निजी अस्पताल में शुरू हुआ। शुरु में सोनोग्राफी और सीटी स्कैन के बाद लीवर हाईडेटिक सिस्ट बीमारी का पता चला।
यह सिस्ट लीवर के दो भागों में फैला था और सिस्ट की लंबाई 08 से.मी. से अधिक थी, जिसका ऑपरेशन करना जरुरी था। डॉ. पुष्पेन्द्र नायक ने बताया कि सिस्ट इतना बढ़ चुका था कि वह लीवर के बाहर आ गया था, जिसके लिए सर्जरी ही अंतिम विकल्प था।
डॉ. पुष्पेन्द्र नायक ने बताया कि उन्होंने मरीज व परिजनों के इस नई तकनीक के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्हें बताया गया कि इस तरह की सर्जरी पहले कभी भी भारत में नहीं हुई हैं और भारत के बाहर भी गिनती के केसों में यह सफलता हासिल हुई है। मरीज के परिजन के सहमति के बाद ही इस ऑपरेशन को करने का निर्णय लिया गया।
ये है इस ऑपरेशन की खासियत
इस ऑपरेशन की खासियत यह है कि बिना-चीर फाड़ किए नाभि के पास एक सुरंग जैसा पोर्ट बनाकर यह सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। डॉक्टरों का मानना है कि यह देश का पहला ऐसा केस है, जिसमें सिंगल पोर्ट के सहारे लीवर हाइडेटिड सिस्ट की सफल सर्जरी हुई है।