सरकार से बातचीत को तैयार हुए छत्तीसगढ़ के नक्सली, साथ रखीं ये शर्तें

छत्तीसगढ़
जगदलपुर जिले में नक्सलियों ने सरकार से बातचीत का प्रस्ताव दिया है. बातचीत के लिए नक्सलियों ने सरकार के सामने कुछ शर्तें भी रखी हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बातचीत के लिए सरकार को पहले अनुकूल माहौल बनाना होगा. सरकार के बातचीत करने से पहले नक्सलियों ने शर्त रखी है कि बस्तर में तैनात अर्धसैनिक बलों को वापस हटाया जाए. जेल में बंद नक्सली नेता और झूठे मामलों में फंसाए गए लोगों को रिहा किया जाए. नक्सलियों ने पार्टी पर लगाया गया प्रतिबंध हटाने की भी शर्त रखी है. नक्सलियों ने जारी पर्चे में ये बात कही है.
इस बीच बस्तर में सरकार और नक्सलियों के बीच चल रहे संघर्ष को खत्म करवाने के लिए सामजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और आदिवासी नेताओं ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश के चेट्टी से शांति पदयात्रा की शुरुआत की. नक्सलियों द्वारा जारी पर्चे में इस पदयात्रा का विरोध किया गया है. नक्सली प्रवक्ता विकल्प ने पर्चा जारी कर कहा कि पदयात्रियों को शांतिवार्ता के प्रति ईमानदारी दिखाने के लिए पहले सरकार से वार्ता के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना होगा.
बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने खुद खुले मंच से नक्सलियों को चुनौती दी थी कि या तो वे आत्मसमर्पण करें या मरने के लिए तैयार रहे. पुलिस ने भी नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने की नसीहत दी थी. ये पहली बार नहीं है कि जब नक्सली सरकार से वार्ता के लिए तैयार हुए हैं. इससे पहले सुकमा के कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन के अपहरण के बाद भी सरकार और नक्सलियों के बीच वार्ता की शुरुआत हुई थी. इस दौरान सरकार ने नक्सलियों की ओर से सुझाए गई कुछ शर्तों पर काम करने के लिए एक कमेटी का गठन भी किया था.