Chhattisgarh Godhan Emporium शोरूम, जहां बिकते हैं गोबर से बने प्रोडक्ट

Chhattisgarh Godhan Emporium जो अंबिकापुर में है जहां लोग गोबर के उत्पाद खरीदने के लिए उमड़ पड़ते हैं. यहां गोबर से ईंट, गमले, पेंट उपले गोबर गैस समेत कई सामग्री बनाई जाती है। इस शोरूम का नाम गोधन एम्पोरियम है।

Chhattisgarh Godhan Emporium: उज्जवल प्रदेश, अंबिकापुर. अंबिकापुर (Ambikapur) में एक ऐसा शोरूम है जहां लोग गोबर के उत्पाद खरीदने के लिए उमड़ पड़ते हैं. यहां गोबर (dung) से ईंट, गमले, पेंट उपले गोबर गैस (dung gas) समेत कई सामग्री बनाई जाती है । इस शोरूम का नाम गोधन एम्पोरियम (Godhan Emporium)है।

गाय को हिन्दू धर्म (Hinduism) में गोधन माना जाता है। लोग पूजा में गोबर शामिल (Dung is included in the worship) करते हैं। अब गोबर का प्रयोग बदल गया है। ऐसा ही एक शोरूम छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर (Ambikapur city) में खोला गया है। जहां गोबर के उत्पाद बेचे जाते हैं। इस शोरूम का नाम गोधन एम्पोरियम (Godhan Emporium) है। इस एंपोरियम में गोबर से बने उत्पाद (product) बेचे जाते हैं। यह ईंटें, बर्तन, पेंट, औद्योगिक गाय-लकड़ी, अगरबत्ती, दीया और बर्मी खाद बेचता है।

Chhattisgarh Godhan Emporium
Chhattisgarh Godhan Emporium

महिलाएं करती हैं संचालन | Women operate

यह शोरूम गोधन न्याय योजना के तहत चलाया जा रहा है। इसका संचालन महिलाओं को सौंपा गया है। यह एंपोरियम 2020 से संचालित हो रहा है। पिछले तीन साल की आय की बात करें तो इस एंपोरियम से 12 लाख 49 हजार रुपये (12 lakh 49 thousand rupees) की आय हुई है. गोधन शोरूम प्रबंधक शशिकला सिन्हा ने बताया कि प्रतिदिन करीब 40 से 50 लोग उत्पाद खरीदने आते हैं। इसके अलावा जिन ग्राहकों को गोबर से बने उत्पाद चाहिए वे भी ऑर्डर देते हैं।

इसलिए बढ़ी दिलचस्पी | Hence the increased interest

गाय के गोबर की बात करें तो हिंदू धर्म (Hinduism) में इसकी काफी मान्यता है। गोबर का उपयोग घर में पूजा और शुभ कार्यों (Good deeds) में किया जाता है। अंबिकापुर में खुल चुके इस गोधन एम्पोरियम में पूजा के लिए गोबर की लकड़ी और अगरबत्ती खरीदी जाती है. साथ ही इस शोरूम में बिकने वाले उत्पाद गौठान की महिलाओं द्वारा बनाए गए बर्तन, खाद, पेंट, दीये आदि हैं। संचालक के अनुसार गोबर आधारित पेंट वातानुकूलित पेंट की तरह काम करते हैं। यह गर्मी के दिनों में घर को ठंडा करता है और ठंड के दिनों में तापमान को बढ़ा देता है। जो बहुत अच्छा है।

आत्मनिर्भर महिलाएं | Independent women

वर्तमान में यहां काम करने वाली महिलाओं को 7 से 8 हजार रुपए (7 to 8 thousand rupees) वेतन (Salary) दिया जा रहा है। लेकिन जब इन पशु फार्मों (animal farms) को खोला गया तो सरकार ने समूह की महिलाओं को यह सहायता प्रदान की। लेकिन समय के बदलते चक्र ने महिलाओं को आत्मनिर्भर (independent) बनाया है और एम्पोरियम को वे खुद चला रही हैं. साथ ही लाभ का भी योग बन रहा है। इस शोरूम की डिजाइन और साज-सज्जा भी काफी बेहतरीन तरीके से की गई है।

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