नेता प्रतिपक्ष ने CM शिवराज को दी चुनौती, कहा- दम है तो चुरहट से लड़े चुनाव, पता चल…

सीधी
 मुख्यमंत्री की जन आशिर्वाद यात्रा पर काले झंडे दिखाने से लेकर चप्पल फेंकने की नौटंकी से पैदा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ही ले रहा है। इस मामले की धधक भोपाल से लेकर दिल्ली तक बनी हुई है। मामला शांत होता उससे पहले कांग्रेस फिर जलती आग में घी डाल दी है। जिससे उक्त मामले को लेकर फिर सियासत तेज हो चुकी है। कांग्रेस ने आयोजित 'धावा बोल' आंदोलन में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री पर आरोपों की झड़ी लगा दी। चुनौती देते हुए कहा कि- दम है तो चुरहट से सीएम चुनाव लड़े। खुद उनको अपनी लोकप्रियता पता चल जाएगी। मुख्यमंत्री की रथ यात्रा पर हुई पत्थरबाजी व चप्पल फेंकने के मामले में नेता प्रतिपक्ष ने सफाई भी दी।

पूजा पार्क की सभा को संबोधित करने के बाद नेता प्रतिपक्ष रैली के रूप में कलेक्ट्रेट के लिए रवाना हुए। कलेक्ट्रेट के बाहर ही पुलिस बल ने रोक दिया। तब नेता प्रतिपक्ष ने ११ सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को कलेक्टर से मुलाकात करने की मांग की गई, जिस पर प्रशासन राजी हो गया, तब नेता प्रतिपक्ष के साथ प्रतिनिधि मंडल कलेक्ट्रेट कैंपस में जाकर कलेक्टर को मांगों का ज्ञापन सौंपा, कलेक्टर ने मांगों के निराकरण का आश्वासन दिया गया।

पीठ पीछे हमला करना मेरा संस्कार नहीं
मुख्यमंत्री के आरोपों पर सफाई देते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा, शिवराज मुझ पर जो आरोप लगा रहे है कि मैं पीठ पीछे हमला करता है, मुख्यमंत्री को मालुम होना चाहिए कि अजय सिंह का संस्कार पीठ पीछे हमला करने का नहीं रहा है। मैं सामने से हमला करता हूं, वर्ष 2011 में विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से मुख्यमंत्री को सामने से हमला किया हूं, उसके बाद लगातार वर्ष 2017 व वर्ष 2018 में सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाकर सामने से हमला किया हूं, यह बात सही है कि जब मैं सामने से हमला करता हूं तो भागना शिवराज सिंह का संस्कार है, जब-जब मैं अविश्वास लाया हूं मुख्यमंत्री सदन छोड़कर भागने को मजबूर हुए हैं, भगौड़े लोग मुझ पर आरोप नहीं लगा सकते।

नेता प्रतिपक्ष के इशारे पर दिखाया गया काला झंडा
चुरहट में मुख्यमंत्री को काला झंडा नेता प्रतिपक्ष के इशारे पर दिखाया गया। उन्होंने कहा कि चुरहट की सड़क वर्षों खराब है, जिस पर तीन वर्ष से कांग्रेस के द्वारा आंदोलन किया गया लेकिन वहां से मैं विधायक हूं। इस कारण भाजपा सरकार द्वारा सड़क सुधारने का काम नहीं किया जा रहा है। जिस पर युवक कांग्रेस को मेरे द्वारा मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाने को बोला था, यह विपक्ष की जिम्मेदारी होती है कि वह विरोध स्वरूप काला झंडा दिखाए। लेकिन निरंकुश सरकार कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर मामला पंजीबद्ध कर उन्हें गिरफतार किया गया जो लोकतंत्र का गला घोंटना है, जिसे कभी माफ नहीं किया जा सकता है।

याचना नहीं अब रण होगा
अजय सिंह ने मुख्यमंत्री को ललकारते हुए कहा गया कि मुख्यमंत्री व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह मुझ पर मुख्यमंत्री की हत्या करने की साजिश रचने का आरोप लगा रहे हैं, हम लोकतांत्रिक मर्यादा को पालते हुए राजनीति करते हैं लेकिन जब आरोप ही लगाया जा रहा है तो अब याचना नहीं रण ही होगा। उन्होनें कहा कि वर्ष 2006 के लोकसभा उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी को गोंद लेने की घोषणा की गई थी। जिस पर सीधी संसदीय क्षेत्र के लोग नाराज हुए थे कि अर्जुन सिंह के जिले को किसी को गोंद देने की जरूरत नहीं है और भाजपा प्रत्याशी को हराकर मानिक सिंह को सांसद बनाए थे, इस बार फिर मुख्यमंत्री मुझ पर व सीधी जिले के लोगों पर आरोप लगाए हैं तो अब सीधी संसदीय क्षेत्र की जनता सातों विधानसभा सीट कांग्रेस की झोली में डालकर इस अपमान का बदला लेने की तैयारी कर चुकी है।

370 की जगह 377 धारा हटाने पर जुटी सरकार
भाजपा द्वारा किए गए घोषणा पर चुटकी लेते हुए नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि भाजपा सत्ता में आने के लिए कश्मीर से धारा 370 हटाने की घोषणा की थी लेकिन सत्ता में आने के चार साल बाद भी धारा ३७० पर कोई विचार नहीं किया गया। 370 की जगह भाजपा सरकार 377 धारा हटाने में व्यस्त है।

फिर भी पर्याप्त नहीं जुट पाई भीड़
धावा बोल आंदोलन के माध्यम से कांग्रेस ने अपने शक्ति प्रदर्शन की भी तैयार की थी लेकिन उतनी भीड़ नहीं जुट पाई। जिस पर कांग्रेस की ताकत का अंदाजा हो पाए। चुरहट व मझौली अंचल से भीड़ को लाने के लिए एक दर्जन बसों को बुककर ग्रामीणों को लाने के लिए उपयोग किया गया था इसके बाद भी 2 हजार से ज्यादा भीड़ जुटाने में कांग्रेस सफल नहीं हो पाई।

शिवराज अटैची लेने के लिए आते हैं सिंगरौली
ज्ञापन देने के बाद मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देते समय नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री पर सनसनी खेज आरोप लगाए। कहा, मुख्यमंत्री सीधी जिले का विकास नहीं कर रहे हैं, बल्कि यहां की सिर्फ हैलीपैड के बाथरूम का उपयोग करते हैं उसके बाद अटैची लेने के लिए सिंगरौली रवाना हो जाते हैं।

…नहीं तो जेल पड़ जाएगी छोटी
अजय सिंह ने कलेक्टर को ज्ञापन देने के बाद हिदायत देने में भी पीछे नहीं रहे। नेता प्रतिपक्ष ने कलेक्टर को सख्त लहजे में कहा कि दो चार दिन में मामले को निपटाया जाए। अन्यथा मेरे एक इशारे पर दो मिनट में ही स्थिति आपके बस से बाहर की हो जाएगी। यदि मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो आपकी जेल छोटी पड़ जाएगी।

कांग्रेसी नहीं दिए गिरफ्तारी
प्रशासन को सूचना थी कि कांग्रेसी आंदोलन के बाद कलेक्ट्रेट पहुंचकर गिरफ्तारी देगें। जिसके लिए बसों की व्यवस्था की गई थी। वहीं भारी मात्रा में पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी। लेकिन कांग्रेस द्वारा न तो किसी त

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