बोरवेल में गिरा 2 साल का मासूम, एक घंटे तक अटकी रही सबकी सांसें

ग्वालियर
कहते हैं कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोय ऐसा ही कुछ 2 साल के मासूम बॉबी रावत के साथ हुआ । मामला भितरवार तहसील के बमरोल गाँव का है।
2 साल का मासूम बॉबी अपनी मां के साथ खेत पर गया था। जहां उसकी मां मवेशियों को चराने लगी इतने में खेलते खेलते मासूम बॉबी जसवंत सिंह रावत के खेत में खुले में बने गहरे बोरवेल में गिर गया। और 20 फुट नीचे जाकर अटक गया। लेकिन मां ने तुरंत ही शोर मचा दिया और मौके पर पुलिस एसडीएम तहसीलदार सहित अफसर पहुंच गए। पुलिस ने एक बड़ा फैसला लेते हुए एक ग्रामीण की बात पर यकीन किया और उसे सिर के बल गहरे बोरवेल में उतारा ।
उसके पैरों को टीआई रत्नेश सिंह यादव और दूसरे पुलिस कर्मचारियों ने एक रस्सी से बांधा और ग्रामीण मोहर सिंह रावत सिर के बाल उल्टे होकर बोर में चला गया, जहां उसने दोनों हाथों से करीब 20 फुट की गहराई में फंसे बालक को मजबूती से पकड़ लिया ।उसके बाद पुलिस और ग्रामीणों ने मोहर सिंह को धीरे-धीरे ऊपर तक खींचा। करीब एक घंटे तक यह रस्साकशी चलती रही। लेकिन जैसे ही बालक को लेकर मोहर सिंह ऊपर आए वैसे ही सब लोग खुशी से झूम उठे। खास बात यह है कि बच्चे को खरोच तक नहीं आई है ।ग्रामीणों ने उसे सर पर उठा लिया। वही लोग मोहर सिंह की दिलेरी की भी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। इस मामले में भितरवार के थाना प्रभारी रत्नेश सिंह यादव ने कहा कि उन्हें अपने स्तर पर एक ग्रामीण को इस तरह से बोरवेल में उतारना काफी रिस्की लग रहा था लेकिन बच्चे के जीवन को बचाने के लिए उन्होंने इस तरह की रिस्क ली और पूरे समय ईश्वर को याद किया। जिसका नतीजा भी मिला और बालक अपने परिजनों के साथ खुश है। उसका मेडिकल कराया जा रहा है घटना भितरवार विकासखंड के बामरोल गांव में शुक्रवार की शाम करीब 5:45 बजे घटित हुई और बालक को 1 घंटे की मशक्कत के बाद 6:45 बजे बोरवेल से निकाला गया यह खेत और बोर जसवंत सिंह रावत का बताया गया है। थाना प्रभारी का कहना है कि फिलहाल बच्चे का मेडिकल कराया गया है। फरियादी के बयान के आधार पर इस मामले में कोई कार्यवाही की जाएगी। खास बात यह है कि किसी भी बोरवेल को खुले में छोड़ना प्रतिबंधित है। कई हादसे हो चुके हैं बावजूद इसके ग्रामीण इलाकों में बच्चों के जीवन को लेकर अब तक लापरवाही बरती जा रही है ।यह बात और है कि सभी बॉबी रावत जैसे खुश नसीब नहीं होते।