मध्य प्रदेश के रत्नेश ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर यूरोप महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा फहराया

भोपाल – मध्य प्रदेश के पर्वतारोही रत्नेश पाण्डेय ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक अदभुत कारनामा कर सभी भारतीयों को गौरवान्वित किया है। उन्होंने यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एल्ब्रुस- 18,511 फ़ीट पर तिरंगा फहराया है। रत्नेश ऐसे भारतीय पर्वतारोही हैं जिन्होंने यूरोप के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर– माउन्ट एल्ब्रुस को फ़तेह कर साथ ही इस शिखर पर दो बार सफलतापूर्वक चढ़ाई की और एल्ब्रुस की पूर्वी और पश्चिमी शिखर दोनों में तिरंगा लहराया। पहले उत्तर की तकनीकी चढाई कर दक्षिण और फिर दक्षिण से उत्तर का सफ़र पूरा किया ।
माउंट एलब्रुस विषम मौसम परिस्थितियों के लिए प्रसिद्ध है। रत्नेश बताते हैं कि चढ़ाई के दौरान मौसम बहुत तीव्रता से बदला। 40 किलोमीटर से भी तेज हवाएं और पारा लगभग -30° था।रत्नेश ने इस अंतरराष्ट्रीय अभियान में आवाहन सामाजिक संस्था के तत्वाधान में 'कीप द माउंटेन क्लीन' का संदेश दिया, खेल और युवा कल्याण विभाग, मध्य प्रदेश का झंडा भी फहराया। दिल जोड़ो अभियान के तहत, भारत-पाकिस्तान की मित्रता का संदेश दिया। पाकिस्तान की नई सरकार आने पर उनका मानना है कि दिलों में दोस्ती ही देशों में दोस्ती करा सकती है। इसके पहले रत्नेश ने एवरेस्ट की ऊंचाई पर पहुंचकर राष्ट्रीय गीत गाया और एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा लहराने के अपने सपने को पूरा किया।
भारतीय पर्वतारोहण संस्थान के प्रोफेशनल माउंटेनियर रत्नेश बताते हैं – ‘मैं यह मानता हूँ कि जीवन के किसी भी मुकाम पर 'नेवर गिव अप' का सिद्धांत फॉलो करना चाहिए। अगर इरादों में मजबूती हो और मन में विश्वास हो तो इंसान अपने हर सपने को पूरा कर सकता है। इसलिए आगे बढ़ने के सपने जरूर देखने चाहिए और उन्हें पूरा करने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए मानसिक बल और सकारात्मक सोच का साथ होना सबसे ज्यादा आवश्यक है। जीवन में कठिनाइयां तो आएँगी ही, इनसे हार कर या निराश होकर रुक जाना गलत है। जो इनसे लड़कर आगे बढ़ता है, जीत उसी की मुट्ठी में होती है।'
रत्नेश का लक्ष्य पर्वतारोहण जैसी साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है।