AIIMS Bhopal में “बेसिक लाइफ सपोर्ट कोर्स” का किया शुभारंभ

AIIMS Bhopal : जीवन-रक्षक प्रक्रिया और सफल कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) स्वास्थ्य टीम के सदस्य या घटना स्थल पर मौजूद आम लोग भी अकस्मात कार्डियक अरेस्ट के कारण होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

AIIMS Bhopal : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. अकस्मात कार्डियक अरेस्ट दुनियाभर में मौत का एक प्रमुख कारण है। जीवन-रक्षक प्रक्रिया और सफल कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) स्वास्थ्य टीम के सदस्य या घटना स्थल पर मौजूद आम लोग भी अकस्मात कार्डियक अरेस्ट के कारण होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस महत्वपूर्ण कार्य में योग्यता के लिए एक रचनात्मक प्रशिक्षण और ज्ञान को लगातार बढ़ाते रहना आवश्यक है।

अस्पताल परिसर और अस्पताल के बाहर अचानक कार्डियक अरेस्ट से संबंधित मौतों की दर को कम करने के लिए शुरुआती सीपीआर और तेजी से डिफिब्रिलेशन में प्रशिक्षण की आवश्यकता को देखते हुए एम्स भोपाल के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग, ट्रॉमा एवं आपातकालीन चिकित्सा विभाग, बालरोग, सामान्य चिकित्सा और स्किल लैब कमेटी की एक विभिन्न विषयों की टीम ने डॉक्टरों, नर्सिंगकर्मियों, मेडिकल छात्रों सहित सभी स्वास्थ्य देखभालकर्मियों के लिए बीएलएस (बेसिक लाइफ सपोर्ट) में एक सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम निरंतर जारी रहेगा और एम्स भोपाल की स्किल लैब में आयोजित किया जाएगा।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रो. (डॉ.) अजय सिंह, कार्यपालक निदेशक, एम्स, भोपाल ने किया। डॉ. अजय सिंह ने कहा कि पीड़ित के गिरने के बाद बचाने वाले का रिएक्शन टाइम पीड़ित को बचाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने यह भी कहा कि बीएलएस प्रशिक्षण न केवल स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि अस्पताल प्रशासन में गार्ड और कार्यालय के कर्मचारियों सहित सभी लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है।

इसके अलावा आने वाले वर्ष में एम्स भोपाल एम्बुलेंस चालकों और यातायात पुलिसकर्मियों आदि जन सामान्य के लिए भी इस कार्यक्रम का विस्तार करेगा। डॉ. अजय सिंह ने विभिन्न विभागों की टीम द्वारा प्रकाशित बीएलएस प्रशिक्षण कार्यक्रम पुस्तिका का विमोचन भी किया।

एनेस्थिसियोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रो० (डॉ.) वैशाली वैंडेस्कर ने कार्यक्रम में गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कार्डियक अरेस्ट से होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए इसकी शीघ्र पहचान और उचित इलाज में बीएलएस प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला।

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