Indore Ujjain Metro Project: इंदौर-उज्जैन के बीच दौड़ेगी मेट्रो, CM यादव ने दी हरी झंडी

Indore Metro Project: प्रदेश के इंदौर-उज्जैन के बीच चलने वाली मेट्रो ट्रेन योजना सरकार की तरफ से हरी झंडी मिल गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो का संचालन सिंहस्थ 2028 से ठीक पहले होगा।

Indore Metro Project: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश के इंदौर-उज्जैन के बीच चलने वाली मेट्रो ट्रेन योजना सरकार की तरफ से हरी झंडी मिल गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो का संचालन सिंहस्थ 2028 से ठीक पहले होगा। मेट्रो ट्रेन के संचालन से सिंहस्थ 2028 में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आवाजाही की सुविधा हो उपलब्ध हो सकेगी।

शनिवार 22 जून को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय पर आयोजित बैठक में यह फैसला लिया। इस दौरान सीएम यादव कई और परियोजनाओं की समीक्षा भी की। सीएम यादव ने प्रदेश के प्रमुख शहरों में नई यातायात योजना के लिए महत्वपूर्ण कदमों की घोषणा की।

इनमें एक महत्वपूर्ण निर्णय इंदौर और उज्जैन के बीच मेट्रो ट्रेन चलाने का है, जो सिंहस्थ 2028 के दौरान श्रद्धालुओं की मदद करेगी। इस मेट्रो रूट के लिए व्यवहार्यता सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। भविष्य में इंदौर एयरपोर्ट से महाकाल मंदिर तक वंदे मेट्रो शहरवासियों और पर्यटकों के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगी। इससे विभिन्न शहरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी। एम्स से करोंद चौराहे तक 16.74 किलोमीटर लंबी भोपाल मेट्रो लाइन तीन चरणों में बनेगी। पहले चरण में सात किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी, जिसमें आठ एलिवेटेड स्टेशन होंगे।

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मेट्रो परियोजनाओं की प्रगति

इंदौर मेट्रो की प्रगति पर भी चर्चा की गई, जिसमें कुल 31.32 किलोमीटर पर काम चल रहा है और 28 स्टेशन बनाने की योजना है। इतना ही नहीं, सीएम यादव ने कहा कि यातायात को सुगम बनाने के लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन जैसे शहरों में मेट्रो के साथ-साथ वंदे मेट्रो, रोपवे, इलेक्ट्रिक बसें और केबल कार जैसे विभिन्न साधनों का उपयोग किया जाएगा।

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भविष्य की परिवहन योजनाएं

उज्जैन से ओंकारेश्वर और भोपाल से इंदौर जैसे रूटों के बारे में गहन विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा। वंदे मेट्रो सर्किल ट्रेन कई शहरों में पुरानी मेट्रो प्रणाली को बदलने के लिए तैयार है, जहां यातायात का दबाव बढ़ रहा है।

डॉ. यादव ने केन्द्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव से मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों में वंदे मेट्रो चलाने के बारे में चर्चा की। यह ट्रेन पारंपरिक मेट्रो ट्रेनों की तुलना में अधिक गति से चलेगी और इसमें नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिसका लाभ पीथमपुर-देवास जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को मिलेगा।

मौजूदा रेलवे लाइनों का उपयोग

मुख्यमंत्री ने नैरो-गेज और अन्य रेलवे लाइनों का सर्वेक्षण और अध्ययन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया जो वर्तमान में उपयोग में नहीं हैं। इससे राज्य के भीतर बेहतर परिवहन समाधान के लिए इन पटरियों को फिर से इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी।

नई पहल का उद्देश्य मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में कनेक्टिविटी में सुधार करना और यातायात की भीड़ को कम करना है, ताकि निवासियों और आगंतुकों के लिए बेहतर परिवहन विकल्प उपलब्ध हो सकें।

वंदे मेट्रो सर्किल ट्रेन चलेंगी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से हाल ही में हुई चर्चा के अनुसार मध्यप्रदेश में विभिन्न नगरों के लिए वंदे मेट्रो चलाने पर सहमति हुई है। पुरानी मेट्रो के स्थान पर वंदे मेट्रो सर्किल ट्रेन अच्छा प्रयास है।

मेट्रो ट्रेन में यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं

ट्रेन में एयर कंडिश्निंग, ग्रैब पोल और ग्रैब हैंडल, बैठक व्यवस्था, मार्ग-दर्शिका, अनाउंसमेंट, कैमरा एवं मोबाइल चार्जिंग पाइंट, आपातकालीन संचार प्रणाली, आपातकालीन निकासी द्वार, धुआं/आग डिटेक्शन शामिल हैं। महिलाओं, दिव्यांग जन के लिए विशेष सुविधा के अलावा शिशु देखभाल कक्ष भी रहेगा।

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