Latest MP News : लंदन के मेयर ने दिया इंदौर और MP के स्टार्टअप्स को आमंत्रण
MP News : प्रवासी भारतीय दिवस के तीन दिन चलने वाले कार्यक्रम में लंदन में भारतीय मूल के डिप्टी मेयर राजेश अग्रवाल भी शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर और मध्यप्रदेश के स्टार्टअप्स को खुला आमंत्रण दिया है।
MP News : उज्जवल प्रदेश, इंदौर. प्रवासी भारतीय दिवस के तीन दिन चलने वाले कार्यक्रम में लंदन में भारतीय मूल के डिप्टी मेयर राजेश अग्रवाल भी शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर और मध्यप्रदेश के स्टार्टअप्स को खुला आमंत्रण दिया है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स के मामले में लंदन दुनिया में दूसरे स्थान पर है।
इंदौर के उद्यमियों को भी यदि अपने उत्पाद इंटरनेशनल लेवल पर ले जाने हैं तो शुरुआत लंदन से ही करनी होगी। राजेश अग्रवाल ने कहा कि तीस से ज्यादा शहरों में फ्रेंड्स आॅफ एमपी के सदस्य हैं। हम कोशिश करते हैं कि प्रदेश के नए उद्यमियों को विदेश में बेहतर मौका देते रहे। इंदौर में काफी संभावनाएं है। यहां विकास कार्य भी काफी तेजी से हो रहे हैं। अग्रवाल ने ये बातें सभी मेहमानों को इंदौर के स्टार्टअप से रूबरू कराने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहीं।
स्टार्टअप कैपिटल भी बन रहा इंदौर
मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा 700 स्टार्टअप इंदौर में ही हैं। सांसद शंकर लालवानी बताते हैं कि इंदौर प्रदेश की स्टार्टअप केपिटल बन गया है। राज्य सरकार ने नई स्टार्टअप नीति तैयार की है और उसे भी जल्द ही घोषित किया जाएगा। प्रदेश सरकार का स्टेट कार्यालय भी इंदौर में ही खुलेगा। इंदौर विकास प्राधिकरण सुपर कॉरिडोर पर 300 करोड़ रुपए की लागत से स्टार्टअप पार्क बना रहा है। इसका काम भी जल्द ही शुरू होगा।
इंदौर और पीथमपुर के बीच स्टार्टअप विलेज भी बन रहा है। इंदौर के स्टार्टअप्स को करोड़ों रुपए की फंडिंग मिल चुकी है। यहां स्टार्टअप्स के लिए इकोसिस्टम विकसित हो चुका है। सरकार भी प्रदेश के स्टार्टअप्स को पूरी मदद कर रही है। प्रवासी भारतीय दिवस की थीम इस बार अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए भरोसेमंद भागीदार (डॉयसपोरा रिलायबल पार्टनर्स फॉर इंडियाज प्रोग्रेस इन अमृतकाल) रखी गई है। यह प्रवासी भारतीयों के देश के विकास में योगदान से जुड़ी है। हर साल नई थीम (न्यू इयर 2023) के साथ नया साल मनाया जाता है।
एनआरआई की अहमियत
प्रवासी भारतीय दिवस के सिग्निफिकेंस को लेकर बताया गया कि यह विदेशों में बसे उन भारतीयों के योगदान को याद करने का समय है, जो अभी अपने देश की जड़ों को भूले नहीं हैं। अभी भी एनआरआई (ओवरसीज इंडियन) होने के बावजूद भारत के विकास में योगदान देते हैं।