MP Govt Employees : 90% कर्मचारियों की लापरवाही, खतरे में सरकारी डेटा

MP Govt Employees : प्रदेश में सरकारी और निजी दफ्तरों में उपयोग की जा रही Google Drive, Drop Box की सर्विस को अनधिकृत मानते हुए सरकार ने कर्मचारियों और अधिकारियों से शासकीय कार्य में इसका उपयोग नहीं करने को कहा है।

MP Govt Employees : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश में सरकारी और निजी दफ्तरों में उपयोग की जा रही गूगल ड्राइव (Google Drive), ड्रॉपबाक्स (Drop Box) की सर्विस को अनधिकृत मानते हुए सरकार ने कर्मचारियों और अधिकारियों से शासकीय कार्य में इसका उपयोग नहीं करने को कहा है।

इसकी वजह यह है कि केंद्र सरकार (Central Govt) इन्हें सुरक्षित नहीं मानती और इनके उपयोग पर डेटा लीक (Data Leak) की स्थिति मानी जाती है। इसको लेकर केंद्र सरकार की ओर से सायबर सिक्योरिटी के लिए एमपी के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों (Madhya Pradesh Employees) को एडवायजरी भी जारी की गई है कि उन्हें दफ्तर में इंटरनेट सर्विस यूज के दौरान क्या-क्या सावधानियां बरतनी हैं, इसके विपरीत हालात यह हैं कि प्रदेश के 90 फीसदी कार्यालयों के दफ्तरों में इनका उपयोग अधिकारी कर्मचारी कर रहे हैं।

भारत सरकार द्वारा जारी की गई एडवायजरी में कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए दिए निर्देश में कहा गया है कि अपने कम्प्यूटर, लैपटाप, मोबाइल फोन पर जीपीएस (GPS), ब्लूटूथ (Bluetooth), एनएफसी (NFC) और अन्य सेंसर चालू न रखें, बहुत ही जरूरी हो तो इसे चलाएं।

इसमें साफ तौर पर यह भी कहा गया है कि किसी भी गैर सरकारी क्लाउड गूगल ड्राइव, ड्रॉपबाक्स आदि पर किसी भी आंतरिक, प्रतिबंधित या गोपनीय सरकारी डेटा या फाइलों को अपलोड या सेव नहीं करें। सरकारी कर्मचारियों को यह ध्यान रखना है कि कोई भी एप खराब हो तो उसे डाउनलोड करने से पहले सावधानी बरतें। किसी ऐप को डाउनलोड करने से पहले ऐप की लोकप्रियता की जांच करें और उपयोगकर्ता को पढ़ें।

डाउनलोड मैनेजर, वेदर टूलबार, आस्क मी की भी मनाही

हर कर्मचारी अधिकारी अपने पासवर्ड को 45 दिन में कम से कम एक बार बदलने का काम करेंगे। सरकारी सेवक एक से अधिक इंटरनेट सेवाओं, वेबसाइट और एप्स में एक ही पासवर्ड का उपयोग नहीं करेंगे। सायबर एडवायजरी में यह भी कहा गया है कि अपने डेटा और फाइलों को कम्प्यूटर की सेकेंडरी ड्राइव पर सेव करेंगे।

संवेदनशील आंतरिक बैठकों और चचार्ओं के संचालन के लिए किसी बाहरी ईमेल सेवा का उपयोग नहीं करें। इसमें यह भी कहा गया है कि अपने इंटरनेट ब्राउजर में किसी भी तीसरे पक्ष के टूलबार जैसे डाउनलोड मैनेजर, वेदर टूल बार, आस्क मी आदि का उपयोग न करें और पायरेटेड साफ्टवेयर को स्थापित न करें।

सायबर सिक्योरिटी में वर्ड टू पीडीएफ या फाइल साइज कम्प्रेशन का उपयोग नहीं करने की सलाह भी दी गई है। सायबर एडवायजरी में कोई भी संवेदनशील जानकारी किसी अनधिकृत या ज्ञात व्यक्ति से साझा नहीं करने के लिए भी कहा गया है।

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