MP News : ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 78,642 करोड़ का मिला निवेश, 77,059 लोगों को मिला रोजगार

Latest MP News : 2014, 2016 और 2023 में आयोजित GIS औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अंतर्गत प्राप्त निवेश आशय प्रस्तावों इंटेशन टू इन्वेस्ट में प्रदेश में MPIDC के क्षेत्राधिकार में कुल 358 छोटे-बड़े उद्योग स्थापित एवं चालू हो चुके है।

Latest MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. मध्यप्रदेश में वर्ष 2014, 2016 और 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अंतर्गत प्राप्त निवेश आशय प्रस्तावों इंटेशन टू इन्वेस्ट में प्रदेश में एमपीआईडीसी के क्षेत्राधिकार में कुल 358 छोटे-बड़े उद्योग स्थापित एवं चालू हो चुके है। इनसे प्रदेश को 78 हजार 862 करोड़ रुपए का पूंजीनिवेश प्राप्त हुआ है और 77 हजार 59 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है।

इंदौर में वर्ष 2014 में आठ से दस अक्टूबर के बीच हुए समिट पर सरकार ने भोजन, नाश्ते, वेन्यू, प्रिटिंग सहित विविध प्रकार के खर्चो पर कुल 14 करोड़ 28 लाख 48 हजार 476 रुपए और 22 से 23 अक्टूबर 2016 में इंदौर में हुई समिट पर 16 करोड़, 85 लाख 27 हजार 633 रुपए खर्च किए। इन खर्चो के लिए कोई टेंडर बुलाए बिना ये काम कराए गए।

विधायक संजय शुक्ला के सवाल के जवाब में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनवरी 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन में हुए खर्चो का लेखा परीक्षित विवरण अभी चयनित नेशनल पार्टनर सीआईआई से अद्यतन नहीं मिला है।

इसलिए इसके खर्च की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अलावा अन्य विभागों के अंतर्गत किए गए कार्य और खर्च की जानकारी विभाग संधारित नहीं करता इसलिए उनकी जानकारी भी देना संभव नहीं है।

मंत्री ने यह भी बताया कि तीनो ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के आयोजन के लिए कोई टेंडर नहीं बुलाए गए और कार्यक्रम का आयोजन नेशनल पार्टनर सीआईआई द्वारा कराया गया। विभाग ने समिट के आयोजन में अन्य विभागों से समन्वय करके भी आयोजन की व्यवस्था की है। मंत्री ने बताया कि जीआईएस 2024 और 2016 में किसी प्रकार के एमओयू हस्ताक्षरित नहीं किए गए।

जीआईएस 2023 में कुल 40 एमओयू हस्ताक्षरित किए गए। विभाग अंतर्गत एमपीआईडीसी के क्षेत्रांतर्गत इंदौर जिले में स्थित औद्योगिक क्षेत्रों की सड़के अच्छी हालत में है और निरंतर अपग्रेडेशन कार्य करके रखरखाव किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि जीआईएस में मिले शेष प्रस्तावों में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है जिसका अनुशरण किया जा रहा है।

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