MP News : पुरानी पेंशन लागू कराने कर्मचारी संगठनों का शक्ति प्रदर्शन

Latest MP News : पुरानी पेंशन सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार की उपस्थिति में प्रांतीय अध्यक्ष परमानन्द डेहरिया, प्रांतीय संरक्षक सुधीर नायक ने पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन की मंत्रालय शाखा का प्रभारी अनिल मंडलोई को बनाया।

भेल दशहरा मैदान पर जुटे एक लाख कर्मचारी, प्रदेश अध्यक्ष बोले- सरकार हमारी आवाज सुने

Latest MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. कांग्रेस शासित राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने के बाद मप्र में भी दबाव बढ़ता जा रहा है। आज भोपाल में भेल दशहरा मैदान पर कर्मचारी संगठन ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कराने के लिए बड़ा शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश भर से मप्र के अलग-अलग विभागों के कर्मचारी भोपाल पहुंचे हैं।

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नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम मप्र के प्रदेश अध्यक्ष परमानंद डेहरिया ने कहा- हमारी एक ही मांग है कि नियुक्ति दिनांक से सेवा अवधि की गणना के साथ पुरानी पेंशन बहाल की जाए। हम 2017 से इसकी मांग करते आ रहे हैं। लेकिन अब तक सरकार ने इस तरफ कोई कार्रवाई नहीं की है। गांधीवादी तरीके से हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे और, हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसे जरूर लागू करेंगे।

एक लाख कर्मचारी पहुंचे भोपाल

राजधानी के भेल दशहरा मैदान पर प्रदेश भर से करीब एक लाख कर्मचारी पहुंचे हैं। शिवपुरी जिले से कर्मचारी गीत संगीत की धुन पर टेंट में पहुंचे। इस प्रदर्शन में केन्द्र और राज्य सरकार के सरकारी और गैर सरकारी विभागों के कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि इसमें शामिल हो रहे हैं।

कर्मचारियों की मांग

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम लिखे पत्र में कर्मचारी संगठनों ने मांग की है। कि भारत सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों अधिकारियों के लिए लागू केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 1972 ओल्ड पेंशन स्कीम को खत्म कर 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में नियुक्त केंद्रीय कर्मचारियों, अधिकारियों पर नेशनल पेंशन स्कीम एनपीएस लागू की है। जो पूरी तरह शेयर बाजार पर आधारित, जोखिम भरा और असुरक्षित है। जिसमें निश्चित पेंशन व परिवार पेंशन नहीं है।

वर्तमान में नेशनल पेंशन स्कीम से सेवानिवृत्त हो रहे केंद्रीय कर्मचारियों, अधिकारियों को बहुत कम पेंशन राशि मिल रही है जिसके कारण उनकी सामाजिक आर्थिक सुरक्षा नहीं हो पाती है एवं परिवार का भरण पोषण तथा सम्मानजनक जीवन जीना मुश्किल हो रहा है। कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा हो।

कर्मचारियों ने लिखा कि सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों, अधिकारियों की सामाजिक आर्थिक सुरक्षा का दायित्व भारत सरकार का है। राष्ट्रीय मानव आयोग ने केंद्र सरकार को लिखे पत्र में कर्मचारियों , अधिकारियों के मानव अधिकारों की रक्षा के खातिर एनपीएस की समीक्षा के लिए समिति गठित करने को कहा है।

जब विधायिका और न्यायपालिका को पुरानी पेंशन तो कार्यपालिका क्यों वंचित रहे

कर्मचारियों ने अपने पत्र में लिखा कि वर्तमान में विधायिका तथा न्यायपालिका दोनों पुरानी पेंशन स्कीम 1972 ले रहे हैं तो फिर तो कार्यपालिका अर्थात केंद्रीय कर्मचारी और अधिकारी इस योजना से वंचित क्यों ? मिडिया प्रभारी एच एन नरवरिया ने कहा की कि कुछ राज्यों ने जैसे कि राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ एवं पंजाब ने अपने राज्य के कर्मचारियों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए पुरानी पेंशन बहाल की है। पश्चिम बंगाल पहले से ही अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दे रहा है। ‘पिछले 6 सालों से एनएमओपीएस इंडिया के बैनर तले लगातार पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाली के लिए सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारी संघर्षरत हैं।

अतः इस ज्ञापन के माध्यम से देश के 70 लाख कर्मचारी, अधिकारी अनुरोध करते हैं कि देश में बंद हुई केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 1972 के तहत पुनः बहाल करने की कृपा करें और नई पेंशन स्कीम जो कि कर्मचारियों के लिए अभिशाप है उसे खत्म करने की कृपा करें। महोदय देश हित में आपने अनेकों निर्णय लिए हैं इस हेतू एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) व्यवस्था को समाप्त कर ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) बहाली का ऐतिहासिक निर्णय आपके माध्यम से होगा। ऐसी हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है। जल्दी एनपीएस को समाप्त कर, पुरानी पेंशन योजना पुनः लागू कर देश के करोड़ों कर्मचारियों अधिकारियों के बुढ़ापे को सुरक्षित करें।

5 राज्यों में लागू हो चुकी पुरानी पेंशन

छत्तीसगढ़, राजस्थान, हिमाचल, झारखंड सहित 5 गैर भाजपा शासित राज्यों ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर दिया है। परमानंद डेहरिया कहते हैं कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री इसे केन्द्र का विषय बताकर टाल देते हैं। लेकिन कर्मचारियों की बात को केन्द्र सरकार को सुननी पडे़गी। हमें विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आंदोलित करोडों कर्मचारियों की बात मानेंगे।

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